हाथरस। हाथरस में मासूम बच्ची की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। महिला ने नाबालिग प्रेमी के साथ मिलकर की बालिका की हत्या की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बालिका ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। हाथरस जिले की कोतवाली सिकंदरारा क्षेत्र के म चिरायल में अनव्या उर्फ उर्वी छह वर्ष की हत्या में पुलिस ने एक महिला और बाल अपचारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि बालिका ने उस महिला और उसके नाबालिग प्रेमी को आपत्ति जनक स्थिति में देख लिया था, जिसके चलते उसकी अंगोछे से गला दबाकर हत्या की गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने 35 वर्षीय महिला से की गई पूछताछ के हवाले से बताया कि उसके गांव के ही एक नाबालिग 17 से पिछले तीन माह से प्रेम संबंध थे। तीन सितंबर को उसके पति और सास मथुरा गए थे, ससुर गांव में घूमने निकल गए। इस दौरान महिला ने अपने नाबालिग प्रेमी को मिलने के लिए घर पर बुला लिया। बालिका ने उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। महिला ने बच्ची को डांटा तो पापा को बताने के लिए कहने लगी। वह घर जाने लगी तो उसे दबोच लिया और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। धान के खाली बोरे में बच्ची का शव बंद कर बांध दिया और मौका देखकर घर से करीब 25 मीटर दूर कुएं में फेंक दिया। गांव में मृतका के घर की तरफ घनी आबादी होने के कारण नहीं जाया जा सकता है। तीन सितंबर को बालिका का शव कुएं में मिला था। घटना के संबंध में पिता ने अपने बड़े भाई की पत्नी पर हत्या करने का संदेह व्यकत करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं पाई गई। पूछताछ में यह भी सामने आया कि खुद की जान खतरे में देखते हुए अनव्या ने महिला आरोपी के हाथ में काट लिया था। इतनी जोर से काटा था, उसके निशान महिला आरोपी के हाथ में मौजूद हैं। पुलिस ने इस निशान को भी देखा कर घटना की तस्दीक की है। चिरायल गांव में निवासी श्रीकृष्ण को छह माह पहले चार बेटियों के बाद बेटे का जन्म हुआ, बेटे की मन्नत पूरी होने मंगलवार रात को जाहरवीर गोगा की जोत का कार्यक्रम रखा गया। परिवार में हंसी खुशी का माहौल था, बुधवार सुबह बेटी की हत्या हो गई। शव मिलने के बाद बिलखते परिजन एक ही सवाल कर रहे थे कि उनकी मासूम बच्ची ने किसी का क्या बिगाड़ा था। 24 घंटे पहले तक जो घर धार्मिक कार्यक्रम की खुशियों से चहक रहा था, वहां रोने-बिलखने की आवाज सुनाई देने लगी। श्रीकृष्ण के चार बेटियां थीं। करीब छह महीने पहले उनके घर में बेटे तासिप का जन्म हुआ, जिससे यह परिवार काफी खुश था। इसी खुशी में श्रीकृष्ण ने मंगलवार को घर में जाहरवीर बाबा की ज्योति का आयोजन किया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रिश्तेदार और नातेदार जुटे थे। पूरी रात सभी लोग इस कार्यक्रम में व्यस्त रहे। बुधवार की सुबह करीब नौ बजे तक अनव्या भी घर में दूसरे बच्चों के साथ खेल रही थी। श्रीकृष्ण रिश्तेदारों को विदा करने लगे, तभी अचानक घर वालों को वहां अनव्या नहीं दिखी। आनन-फानन उसकी खोजबीन शुरू की गई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला, जिससे परिजनों के साथ रिश्तेदार भी चिंतित हो गए। दोपहर करीब एक बजे श्रीकृष्ण को सूचना मिली कि कुएं में बोरी में बंद लाश पड़ी है। घटना की सूचना पर एसपी चिरंजीवनाथ सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी जैनेंद्र कुमार अस्थाना मौके पर पहुंच गए और आसपास के लोगों से पूछताछ की। फारेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए। एसओजी टीम ने भी पहुंचकर छानबीन की।

आवारा कुत्तों पर अधिकतर राज्यों ने नहीं दिए हलफनामे, मुख्य सचिवों को पेश होने का आदेश
नई दिल्ली – 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले पर सुनवाई की थी, तब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हलफनामे दाखिल करने के लिए कहा गया था। हालांकि, सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली महानगरपालिका ने ही इस आदेश का पालन किया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के मामले स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को होने वाली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया। दरअसल, कोर्ट ने पाया कि आवारा कुत्तों की समस्या पर नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अधिकतर राज्यों ने अब तक हलफनामे





