छात्रा मैत्री शर्मा ने प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाकर दिखाया आत्मविश्वास और संवेदनशीलता, इस अवसर को बताया जीवन का यादगार पल
मुजफ्फरनगर। सरकार की ‘मिशन शक्ति’ जैसी योजनाएँ सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि यह जमीनी स्तर पर बेटियों के आत्मविश्वास को नई उड़ान देने का माध्यम बन रही हैं। महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर जो कदम पहले सिर्फ नीतियों में दिखते थे, अब वो हकीकत बनते नज़र आ रहे हैं। इसी सोच को मूर्त रूप मिला मुजफ्फरनगर में, जहाँ एक दिन के लिए छात्रा को जिलाधिकारी की कुर्सी सौंपकर न केवल उसे नेतृत्व का अनुभव दिया गया, बल्कि यह संदेश भी दिया गया कि नारी शक्ति सिर्फ समर्थ है, बल्कि नेतृत्व में भी सक्षम है।
मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की दिशा में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब एम.जी. पब्लिक स्कूल में कक्षा नौ में अध्ययनरत छात्रा मैत्री शर्मा को एक दिन के लिए मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी बनने का खास अवसर मिला। यह पहल प्रशासन और समाज के साझा प्रयासों का प्रतीक बन गई है, जिसमें बेटियों को न केवल आत्मविश्वास, बल्कि नेतृत्व की भूमिका में भी देखा जा रहा है। इस विशेष अवसर पर कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर पहुंची छात्रा मैत्री शर्मा जब डीएम की कुर्सी पर बैठी, तो वास्तविक जिलाधिकारी उमेश मिश्रा एक फरियादी की तरह हाथ बांधे उनके पास खड़े नजर आ रहे थे। यह दृश्य प्रशासनिक गरिमा और महिला सम्मान की दिशा में उठाए गए कदम का सजीव उदाहरण बना।
छात्रा मैत्री शर्मा ने ना सिर्फ फरियादियों की समस्याएं सुनीं, बल्कि पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से उनके समाधान की दिशा में निर्णय भी लिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समस्या का समाधान तभी सार्थक है जब पीड़ित को किए गए समाधान पर पूर्ण संतोष हो। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर अधिकारी तभी सफल माने जाएंगे जब वे हर शिकायत को मानवीय दृष्टिकोण से समझें और निष्पक्ष रूप से उसका समाधान करें।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने इस अवसर पर मैत्री शर्मा का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी में नेतृत्व क्षमता के बीज रोपित करना ही मिशन शक्ति का वास्तविक उद्देश्य है। कहा कि मिशन शक्ति अभियान केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक क्रांति की दिशा में कदम है, जिसका उद्देश्य हैकृमहिलाओं को समाज में सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकार दिलाना। इसके तहत महिलाओं को न केवल जागरूक किया जा रहा है, बल्कि उन्हें नेतृत्व के मंच भी दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में एक अनूठी पहल की जा रही है, जिसमें छात्राओं को एक दिन के लिए पुलिस और प्रशासनिक नेतृत्व का अवसर प्रदान कर उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास करने का प्रयास किया जा रहा है। आज मैत्री को एक दिन का जिलाधिकारी बनाया गया।
छात्रा मैत्री शर्मा ने इस अनुभव को अपने जीवन का अविस्मरणीय क्षण बताते हुए कहा कि यह अनुभव न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य में वह भी समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेंगी। कहा कि मिशन शक्ति का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनके अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाना है। एम.जी. पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि गुरूवार को मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत विद्यालय में कक्षा नौ की छात्राओं मैत्री शर्मा, अक्षिता गर्ग और अनुष्का को अध्यापिका रश्मि तोमर के नेतृत्व में विभिन्न कार्यालयों का भ्रमण कराया गया। इनमें से छात्रा मैत्री शर्मा को एक दिन का जिलाधिकारी बनने का सुखद अवसर मिला, इससे छात्रा में आत्मविश्वास बढ़ा और प्रशासनिक कार्यों के प्रति भी जानकारी मिली। यह अवसर छात्राओं में नेतृत्व क्षमता के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर, मेधावी विद्यार्थियों ने उच्च अधिकारियों के कक्ष में बैठकर न सिर्फ़ उनके कार्यों को समझा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं का अनुभव भी लिया। इन छात्रों ने अपने एक दिवसीय कार्यकाल के दौरान अधिकारियों के साथ मिलकर दैनिक कार्यों में भागीदारी की और ज़िले के विकास और प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा।
प्रमुख पद और विद्यार्थी जिन्होंने गुरूवार को पद/विभाग में संभाली कमानरू
’ ज़िलाधिकारी बनने वाली छात्राएं
’ मैत्री शर्मा (एम.जी. पब्लिक स्कूल)
’ निवेदी (होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल)
’ अपर ज़िलाधिकारी (प्रशासन) बनने वाली छात्राएं
’ अंचल सैनी (होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल)
’ आराधिमा (एम.जी. वर्ल्ड विज़न स्कूल)
’ अपर ज़िलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बनने वाली छात्रा
’ नंदिनी (कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय)
’ नगर मजिस्ट्रेट बनने वाली छात्रा
’ आभा (एम.जी. वर्ल्ड विज़न स्कूल)
’ ज़िला प्रोबेशन अधिकारी बनने वाली छात्राएं
’ अनन्या जोशी (एम.जी. पब्लिक स्कूल)
’ अक्षिता (एमजी पब्लिक स्कूल)
’ सप्लाई इंस्पेक्टर (खाद्य विभाग) बनने वाली छात्रा
’ वंशिका (कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय)