चरथावल में बसपा नेता के बेटे को जेल भेजने से पहले पुलिस ने की विशेष आवभगत,कृ सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों ने खोली पुलिसिया मिलीभगत की पोल
मुजफ्फरनगर। मुज़फ्फरनगर जनपद के चरथावल थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है, बल्कि कानून के प्रति समानता की भावना पर भी बहस छेड़ दी है। दुष्कर्म के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार एक राजनीतिक परिवार के बेटे को पुलिस ने जिस तरह थाने में ‘वीआईपी ट्रीटमेंट दिया, उसकी तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं।
चरथावल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव कुटेसरा में हुई इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी। जानकारी के अनुसार, बसपा नेता आबाद त्यागी का पुत्र फरदीन त्यागी एक युवती के घर में जबरन घुस गया था। ग्रामीणों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया और धुनाई करने के बाद उसको पुलिस के हवाले कर दिया। पीड़िता ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि फरदीन तीन वर्षों से उसे अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी देकर यौन शोषण कर रहा था और कई बार उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेजने की औपचारिकता पूरी की, लेकिन इससे पहले थाने में जो कुछ हुआ, उसने पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि दुष्कर्म के आरोपी फरदीन को आम कैदियों की तरह नहीं, बल्कि ‘वीआईपी की तरह ट्रीट किया गया। एक तस्वीर में आरोपी आराम से गद्दे पर बैठा दिख रहा है, जबकि उसके पास खड़े पुलिसकर्मी हाथों में ड्रिंक कैन लिए नजर आ रहे हैं। आरोपी के हाथ में भी वैसी ही कैन है। लोगों का कहना है कि यह बीयर या एनर्जी ड्रिंक जैसी कोई वस्तु हो सकती है। चाहे वह सॉफ्ट ड्रिंक हो या एनर्जी ड्रिंक, सवाल यही उठता है कि एक दुष्कर्म के आरोपी को इस तरह की मेहमाननवाज़ी क्यों दी गई? तस्वीरों में यह भी देखा गया कि पुलिसकर्मी आरोपी की हाथ में लगी हथकड़ी की रस्सी पकड़े खड़े हैं, जबकि फरदीन आराम से बैठा है। इस दृश्य ने यह स्पष्ट कर दिया कि चरथावल पुलिस ने आरोपी के साथ कैसा व्यवहार किया, जैसे वह कोई मेहमान हो, अपराधी नहीं। जैसे ही यह तस्वीरें इंटरनेट पर आईं, लोगों ने पुलिस प्रशासन पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कई यूज़र्स ने लिखा कि जब अपराधी वीआईपी की तरह ट्रीट होंगे, तो कानून पर भरोसा कैसे रहेगा? वहीं, कुछ लोगों ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि थाने में क्या हुआ और किसकी अनुमति से आरोपी के साथ ऐसा व्यवहार किया गया।






