मुख्य आरोपी प्राचार्य प्रदीप कुमार की अग्रिम जमानत पर परिजनों का कड़ा विरोध, पुलिस की कार्यशैली पर भी उठे सवाल
मुजफ्फरनगर। उज्ज्वल राणा आत्मदाह प्रकरण लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना के प्राचार्य प्रदीप कुमार अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर छात्र परिवार और सामाजिक संगठनों का विरोध तेज़ होता जा रहा है। पुलिस की धीमी जांच और कथित लापरवाही पर सवाल भी जोर पकड़ रहे हैं। इसी बीच प्राचार्य की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई शुक्रवार को हुई, जिसमें कोर्ट ने परिजनों के द्वारा जताये गये भारी विरोध के कारण पुलिस और अभियोजन से विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। इसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस की साठगांठ के कारण मुख्य आरोपी प्राचार्य ने धाराएं छिपाकर कोर्ट को गुमराह करते हुए कानूनी राहत पाने का प्रयास किया है। पुलिस और प्रशासन की लापरवाही को लेकर 16 नवंबर को शोक सभा में आक्रोश नजर आ सकता है।
बता दें कि डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना के बीए के छात्र उज्ज्वल राणा ने प्राचार्य से फीस विवाद के कारण उत्पीड़न से आहत होकर 8 नवंबर को खुद को आग लगा ली थी। 9 नवंबर को उसकी दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई। इसमें उसकी बहन सलोनी राणा ने मुकदमा दर्ज कराया, पुलिस ने एक आरोपी पीटीआई संजीव कुमार को गिरफ्तार जेल भेजने के साथ ही उत्पीड़न में सहयोग करने के आरोपी तीन पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया हे। मुख्य आरोपियों में प्राचार्य प्रदीप कुमार और प्रबंधक अरिवंद गर्ग की गिरफ्तारी न होने से रोष है।

छात्र उज्ज्वल राणा की दर्दनाक आत्मदाह घटना और उसकी मौत के मामले में मुख्य आरोपी डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना के प्राचार्य प्रदीप कुमार की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। बताया गया कि प्राचार्य प्रदीप कुमार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में यह दलील दी कि घटना वाले दिन 9.44 बजे घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने तत्काल सीओ बुढ़ाना को सूचना दी थी तथा इसके बाद कोतवाली में लिखित रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। उनका कहना है कि पुलिस ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
अग्रिम जमानत अर्जी की खबर मिलते ही उज्ज्वल की बहन और मुकदमे की वादी सलोनी राणा अपने चाचा सचिन राणा और अधिवक्ता अनूप राठी के साथ अदालत पहुँची। उन्होंने कोर्ट में अपनी तरफ़ से आपत्ति दाखिल करते हुए जमानत का कड़ा विरोध जताया। इस दौरान छात्र नेताओं और किसान संगठन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने पुलिस और अभियोजन की कार्यशैली पर सवाल उठाए। अधिवक्ता अनूप राठी ने आरोप लगाया कि प्राचार्य प्रदीप कुमार ने एफआईआर में लगाई गई गंभीर धाराओं को छिपाकर जमानत लेने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सरकार और पुलिस ने मामले में गुमराह करने की कोशिश की और ष्सेटिंगष् के संकेत साफ नजर आते हैं।
उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अब 29 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की है। अधिवक्ता अनूप राठी ने कोर्ट में दिए अपने तर्क के दौरान छात्र उज्ज्वल की आत्मदाह को न्याय व्यवस्था की विफलता का परिणाम बताते हुए पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने एफआईआर, उसमें दर्ज की गई धाराओं और पुलिस रिपोर्ट को कोर्ट में मंगाने की अपील करते हुए कहा कि आरोपी ने धाराएं छिपाकर कोर्ट को गुमराह करते हुए कानूनी राहत पाने का प्रयास किया है। उन्होंने इस कांड को अमानवीय बताते हुए जमानत का विरोध किया। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने पुलिस व अभियोजन से एफआईआर के अनुसार पूर्ण विवरण, धाराओं की जानकारी और जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसमें 29 नवंबर को अगली सुनवाई होगी और हम जमानत का पूरजोर विरोध करेंगे। सुनवाई के दौरान कचहरी परिसर में भारी जनसमूह मौजूद रहा, जिसमें मुकदमा वादी सलोनी राणा, सचिन कुमार, धर्मेन्द्र मलिक, दीपक राठी, मोनू मलिक, कपिल बालियान, वीशू मलिक, विशाल, आयुष चौधरी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र शामिल रहे।
पुलिस और अभियोजन की आरोपियों से साठगांठः धर्मेन्द्र मलिक
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने शुक्रवार को छात्र उज्ज्वल प्रकरण में मुख्य आरोपी प्राचार्य प्रदीप कुमार द्वारा कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी को लेकर पुलिस और अभियोजन के रवैये पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी की जमानत अर्जी पर आपत्ति दर्ज कराना अभियोजन का दायित्व था, लेकिन उसने रुचि नहीं दिखाई।
उनका आरोप है कि पुलिस और अभियोजन दोनों ही आरोपियों को कानूनी राहत देने के लिए समय उपलब्ध करा रहे हैं। धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के साथ अभियोजन को भी मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाना चाहिए। इस घटना से पूरा मानव समाज आहत है। पीड़ित परिवार के साथ पुलिस न्याय करे। उन्होंने बताया कि 16 नवंबर को डीएवी कॉलेज बुढ़ाना के बाहर आयोजित होने वाली उज्ज्वल की शोक सभा में इन सभी मुद्दों को सार्वजनिक रूप से उठाया जाएगा। पुलिस का रवैया नहीं बदला तो बड़ा आंदोलन भी किया जा सकता है।






