गणना प्रपत्र अपलोड करने में गंभीर लापरवाही उजागर, समीक्षा में फिसड्डी पाये जाने पर 22 अधिकारियों व बीएलओ से मांगा जवाब
मुजफ्फरनगर। एसआईआर की धीमी प्रगति पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। एक ईआरओ सिटी मजिस्ट्रेट और तीन एईआरओ सहित 22 अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन ने जांच में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिससे यह संदेश जाता है कि जांच में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसआईआर की जनपद में धीमी गति है, जिस पर कमिश्नर और डीएम ने नाराजगी जताई है। केवल 22.05 प्रतिशत मतदाताओं के एसआईआर फार्म पोर्टल पर अपलोड हुए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट समेत 22 अधिकारी और बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि अधिकारियों की ड्यूटी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के तौर पर लगाई गई है। जनपद में 21.12 लाख मतदाताओं का एसआईआर होना है। इसके लिए 1982 बूथों को आधार मानकर काम चल रहा है। इतने ही बीएलओ लगाए गए हैं। निगरानी की जिम्मेदारी जिला स्तरीय और तहसीलस्तरीय अधिकारियों को दी गई है। अभी तक केवल 465771 मतदाताओं का एसआईआर बीएलओ ने संबंधित पोर्टल पर अपलोड किए हैं। जबकि 04 नवंबर से 04 दिसंबर तक चलने वाले एसआईआर अभियान के मात्र नौ दिन ही शेष रहे गये हैं और समयावधि बढ़ाये जाने की अभी कोई संभावना नजर नहीं आती, क्योंकि उत्तर प्रदेश के साथ ही यह अभियान 12 राज्यों में चल रहा है।
एसआइआर कार्य में लापरवाही पर ईआरओ मुजफ्फरनगर विधानसभा सिटी मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश राठौर के अलावा जिला गन्ना अधिकारी संजय सिंह सिसौदिया, जिला समाज कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी सदर ध्यानचंद को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण तलब बगया गया है। इनके अलावा 18 बीएलओ को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है। मुजफ्फरनगर विधानसभा के मतदाता पंजीकरण अधिकारी ईआरओ सिटी मजिस्ट्रेट को नोटिस कमिश्नर सहारनपुर के कार्यालय से जारी हुआ है। जबकि अन्य अधिकारियों को जिला निर्वाचन कार्यालय से नोटिस जारी हुए हैं। एसआईआर कार्य में धीमी प्रगति के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही अगले दो दिन में कार्य में सुधार करने की हिदायत दी गई है। ऐसा नहीं होने सख्त कार्रवाई होगी।






