भर्ती करने के लिए मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट न मांगे अस्पतालः हाईकोर्ट

याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि मरीजों को भर्ती करते समय अस्पतालों को आरटी-पीसीआर पॉजिटिव जांच रिपोर्ट मांगने पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाए।

Update: 2021-04-27 07:09 GMT

नई दिल्ली। सरकार के आदेशों के बावजूद अस्पताल कोविड मरीजों को भर्ती करने के लिए पाॅजिटिव रिपोर्ट मांग रहे हैं। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी अस्पतालों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के दौरान कोरोना की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट नहीं मांगने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने पीठ ने अधिवक्ता जयदीप अहुजा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते आदेश दिया कि सरकार 23 अप्रैल 2020 को जारी अपने सर्कुलर को व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करे। न्यायालय ने अस्पतालों को इस बारे में पिछले साल 23 अप्रैल को दिल्ली सरकार की ओर से जारी सर्कुलर को स्पष्ट रूप से पालन करने को कहा है। याचिका में दिल्ली सरकार से सभी अस्पतालों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले रोगियों को भर्ती करते समय कोरोना की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट मांगने की बात पर नहीं अड़ने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि मरीजों को भर्ती करते समय अस्पतालों को आरटी-पीसीआर पॉजिटिव जांच रिपोर्ट मांगने पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाए। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 23 अप्रैल को परिपत्र जारी कर सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वाले रोगियों को भर्ती करते समय इसकी पॉजिटिव जांच रिपोर्ट की मांग पर नहीं अड़ें। सरकार ने कहा कि ऐसे मरीजों को संदिग्ध मानकर अस्पताल के एक अलग जगह पर भर्ती करने का निर्देश दिया गया है। अब हाईकोर्ट ने अस्पतालों के रुख पर कडी आपत्ति जताई है।

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