केजरीवाल सरकार दिल्ली में अपना शिक्षा बोर्ड गठन कर बदलेगी शिक्षा का रूप

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि बोर्ड के गठन के बाद इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा। इसके बाद सीबीएसई स्कूलों से हटाकर दिल्ली के स्कूलों को इस बोर्ड से जोडा जाएगा।

Update: 2021-03-06 09:51 GMT

नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने शनिवार को राज्य के अपने शिक्षा बोर्ड दिल्ली बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन के गठन को स्वीकृति दे दी है।

आज इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि बोर्ड के गठन के बाद इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा। इसके बाद सीबीएसई स्कूलों से हटाकर दिल्ली के स्कूलों को इस बोर्ड से जोडा जाएगा। हालांकि इसमें किस स्कूल को इस बोर्ड में शामिल करना है, इसका फैसला वहां के टीचर, प्रिंसिपल और पेरेंट्स से सलाह के बाद लिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा,कहा कि आप सरकार ने स्कूलों की व्यवस्था में सुधार किया है। बोर्ड गठन इसी के अगले चरण की कार्रवाई है। दिल्ली बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन व्यवस्था को नई ऊंचाइयों की तरफ लेकर जाएगा। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षा में बोर्ड की एक गवर्निंग बाॅडी होगी और सीईओ के साथ एक एग्जीक्यूटिव बाॅडी होगी । इन समितियों में उद्योग, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल, नौकरशाह होंगे। शिक्ष्

ाा में बदलाव का उद्देश्य ऐसे बच्चे तैयार करना है जो हर क्षेत्र में समाज और देश की जिम्मेदारी संभालने लायक हों और धर्म व जाति से ऊपर अच्छे इंसान बनें। अच्छा इंसान बने। पढ़ाई के बाद नौकरी और रोजगार मिल सके। दिल्ली शिक्षा बोर्ड रटने पर ध्यान देने के बजाय इंटरनेशल स्तर का बोर्ड होगा जिसामें पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर भी जोर दिया जाएगा। दिल्ली में हजार के करीब सरकारी और 1700 प्राइवेट स्कूलों में ज्यादातर सीबीएसई से संबंद्ध हैं। इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों को नए बोर्ड से जोडा जाएगा। 

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