MUZAFFARNAGAR-वायु प्रदूषण के कारण जिले के सभी स्कूल-कॉलेज बंद

एनसीआर में ग्रेप-4 लागू होने के कारण डीएम उमेश मिश्र ने जारी किया स्कूल बंदी का आदेश, अग्रिम आदेशों तक लागू रहेगा स्कूलों में अवकाश, ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कराने के दिए गए निर्देश

Update: 2024-11-19 11:47 GMT

मुजफ्फरनगर। दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के कारण दिल्ली के साथ ही एनसीआर क्षेत्र में भी प्रदूषण के प्रभाव को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए सीएमक्यूएम की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के कारण ग्रेप-4 लागू कर दिया गया है। इससे दिल्ली के साथ ही एनसीआर और निकटवर्ती क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए प्रभावी कदम उठाया गया है। इसमें मंगलवार की सुबह से जनपद के सभी स्कूल और कॉलेजों में तत्काल प्रभाव से अवकाश घोषित कर दिया गया। यह अवकाश अग्रिम आदेशों तक रहेगा। इसके लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्र की ओर से सख्त आदेश जारी होने के बाद जिले में एक नई हलचल नजर आई। आदेश आने तक विद्यालय खुल चुके थे, लेकिन डीएम के आदेश की जानकारी मिलने के बाद स्कूलों में तत्काल प्रभाव से अवकाश घोषित कर दिया गया। वहीं जिलाधिकारी ने एमडीए, जल निगम, पीडब्ल्यूडी, कृषि आदि सहित 20 विभागों और अधिकारियों को ग्रेप-4 की पाबंदियों का पूर्ण रूप से सख्ती के साथ पालन करने के आदेश दिए हैं।

देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो जाने के कारण इसका प्रभाव एनसीआर और निकटवर्ती क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद दिल्ली में सीएक्यूएम द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ग्रेप-4 की व्यवस्था लागू कर दी गई। ऐसे में एनसीआर क्षेत्र भी इसके प्रभाव में आ गया है। जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने ग्रेप-4 लागू होने के बाद जनपद में इसको लागू करा दिया है। उन्होंने सबसे पहले कक्षा एक से कक्षा 12 तक के सभी स्कूल कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश जारी किये तो हलचल मच गई। डीएम ने अपने आदशों में कहा कि मुजफ्फरनगर एनसीआर क्षेत्र में सम्मिलित है और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचने के कारण सीएक्यूएम द्वारा ग्रेप- स्टेज 4 लागू कर दिए जाने और प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से जारी दिशा निर्देशों के दृष्टिगत जनपद मुजफ्फरनगर में छात्र-छात्राओं और सम्बंधित की वायु प्रदूषण से सुरक्षा के लिए कक्षा-1 से कक्षा 12 तक के सभी शिक्षण संस्थाओं को अग्रिम आदेशों तक शिक्षक कार्य के लिए बंद रखा जायेगा। डीएम ने अपने आदेशों में कहा कि विद्यालय यदि चाहे तो इस अवधि में वो कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन मोड पर कर सकते हैं। इस बंदी के दौरान प्रधानाचार्य, शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए स्कूल कॉलेज आयेंगे।

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एमडीए, हाईवे अथॉरिटी, पीडब्ल्यूडी, कृषि, जल निगम, खनन के साथ ही 20 विभागों और अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए सीएक्यूएम के द्वारा जारी ग्रेप स्टेज-4 लागू करने पर सम्बंधित दिशा निर्देशों और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कहा है। सभी निकायों के अधिशासी अधिकारियों के साथ ही एडीएम प्रशासन, सीएमओ, एसपी यातायात, एआरएम रोडवेज को भी सख्ती के साथ ग्रेप स्टेज-4 को लागू कराने के लिए कहा गया है। डीआईओएस और बीएसए को स्कूल बंदी के निर्णय को भी लागू कराकर इस अवधि में विद्यालय के न खुलने की व्यवस्था के निर्देश दिये। वहीं डीएम का आदेश मंगलवार को सवेरे दस बजे के करीब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब तक सभी विद्यालय खुल चुके थे और शिक्षण कार्य जारी था। डीएम के आदेश आने के बाद स्कूल कॉलेजों में तत्काल ही अवकाश कर दिया गया था। एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में होने के कारण जनपद मुजफ्फरनगर में ग्रेप स्टेज 4 लागू करा दिया गया है। इसमें सभी सम्बंधित विभागों को निर्देशित किया गया है और वायु गुणवत्ता प्रबंधन के प्रयास शुरू करा दिये गये हैं। जनपद में भी कई दिनों से एक्यूआई 300 या इससे अधिक चल रहा था। आज भी एक्यूआई 270 के आसपास रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में स्कूल कॉलेजों मं बंदी के साथ ही अन्य प्रबंध भी किये जा रहे हैं।

डीएम के आदेश से स्कूल परेशान, वार्षिकोत्सव भी लटके

मुजफ्फरनगर। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद सीएक्यूएम के नियम अभी तक उद्योगों को ही प्रभावित करते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है कि जनपद मुजफ्फरनगर में अब इन नियमों का आम जनजीवन पर प्रभाव देखा गया है। पहली बार प्रदूषण के कारण जनपद में स्कूल बंदी सख्ती के साथ लागू करा दी गई है, ऐसे में जनपद के स्कूल और कॉलेजों में परेशानी बन गई है। इन आदेशों को लेकर विद्यालय प्रबंधन इसलिए भी परेशान हो उठा कि विद्यालयों में परीक्षा की तैयारियों के साथ ही वार्षिकोत्सव का दौर भी चल रहा है। महीनों से इसके लिए शिक्षक और बच्चे तैयारियों में लगे हुए थे। जीसी पब्लिक स्कूल में 20 नवम्बर को, एमजी पब्लिक स्कूल में 25 और 26 नवम्बर को, दी एसडी पब्लिक स्कूल में 29 नवम्बर और एसडी पब्लिक स्कूल 8 दिसम्बर में वार्षिकोत्सव का आयोजन की तैयारी चल रही थी। इनको लेकर विद्यालयों में मायूसी का आलम बन गया है। एसडी स्कूल्स की निदेशक चंचल सक्सेना का कहना है कि स्कूल बंदी के आदेशों से अनेक प्रकार की समस्या खड़ी हो गई हैं। 14 दिसम्बर से उनके स्कूल में प्री बोर्ड हैं और वार्षिकोत्सव की पूरी तैयारी हो चुकी है। ऐसे में फिर से ऑनलाइन कक्षा चलाने की व्यवस्था और परेशानी वाली है। 

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