नई दिल्ली । आतंकवाद को संरक्षण देने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है।
एफएटीएफ ने यह फैसला देते हुए कहा कि पाकिस्तान को सभी 1267 और 1373 नामित आतंकवादियों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों के कार्यान्वयन को लेकर काम करना होगा। दबाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले कुछ महीनों में आतंकियों के खिलाफ दिखावटी कदम उठाए थे, लेकिन जानकारों ने इन कदमों को एफएटीएफ की 'मार' से बचने के लिए उठाया जाने वाला कदम बताया था।
अब एफएटीएफ के अध्यक्ष डॉ मार्कस प्लेयर ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान अभी भी निगरानी में ही रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने कुछ महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन कई गंभीर कमियां बनी हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये सभी क्षेत्र आतंकी वित्तपोषण से संबंधित हैं। 27 में से तीन (बिंदुओं) पर पूरी तरह से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। यह कहते हुए कि पाकिस्तान ने 'प्रगति' की है, एफएटीएफ अध्यक्ष ने कहा कि हम प्लान को पाकिस्तान द्वारा पूरा करने का आग्रह करते हैं।
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने पिछले साल पाकिस्तान को आगाह किया था कि उसे इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए जिंदगीभर का मौका नहीं दिया जाएगा और एक्शन प्लान देने में बार-बार असफल होने पर उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।