यूक्रेन में संघर्ष हुआ तो पेट्रोल और गैस में लगेगी आग

Update: 2022-02-15 12:03 GMT

ब्लूमबर्ग। यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के बीच दुनिया में कच्चे माल की कीमत बढ़ रही है। ऐसे में बढ़ते इन्फ्लेशन के साथ ही कई मसलों पर जूझ रही सरकारों पर दबाव बढ़ रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन को लेकर जंग या रूस पर प्रतिबंध दुनिया में गेंहूं सहित कई चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकता है और यूरोप को एक बड़े गैस संकट की ओर धकेल सकता है।

अब तक का सबसे बड़ा प्रभाव यूरोप के गैस बाजारों पर पड़ा है। इस क्षेत्र में कीमतें पिछले एक साल में करीब पांच गुना बढ़ गई हैं। यूक्रेन युद्ध होने की स्थिति में यूरोप को भेजे जाने वाले गैस बड़े पैमाने पर बाधित हो सकते हैं क्योंकि इसका एक तिहाई हिस्सा यूक्रेन के जरिए पहुंचता है। प्रतिबंध व्यापार को प्रभावित कर सकते हैं और एक नई पाइपलाइन, नॉर्ड स्ट्रीम 2, रूसी गैस को यूरोप में लाने से रोक सकते हैं।

ब्रिटेन में तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच रही है। ऐसे में यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई होने से इसकी कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। इस सबके साथ ही दुनिया भर के देशों को युद्ध की स्थिति में ट्रेड रूट में बदलाव करना होगा जिसके कारण महंगाई और बढ़ेगी।

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