अमेरिका ने चीन की दो और बडी कंपनी की ब्लैक लिस्ट
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप यहीं नहीं रुकने वाले हैं, 20 जनवरी को जो बाइडेन का कार्यकाल शुरू होने से पहले डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ कुछ और कठोर कार्रवाई कर सकते हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच तनाव के बीच टंªप ने ड्रैगन को एक और बडा झटका देते हुए चीन के सबसे बड़े प्रोसेसर चिप निर्माता कंपनी एसएमआईसी और तेल की दिग्गज कंपनी सीएनओओसी समेत 4 चाइनीज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। इस बात की जानकारी डिपार्टमेंट आॅफ डिफेंस ने दी है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अमेरिका में चल रहीं ये वे चीनी कंपनियां हैं, जिनका संचालन चीनी सेना प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कर रही है या फिर ये उनके नियंत्रण में हैं।
रक्षा विभाग के मुताबिक, जिन चीनी कंपनियों पर ट्रंप प्रशासन का हथौड़ा चला है, वे हैं- चाइना कंस्ट्रक्शन टेक्नोलाॅजी कंपनी, चाइना इंटरनेशनल इंजीनियरिंग कंसल्टिंग काॅर्प, चाइना नेशनल आॅफशोर आॅयल काॅर्पोरेशन और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल काॅर्पोरेशन। इस तरह से अमेरिका ने अब तक चीन की कुल 35 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर रखा है। तीन नवंबर को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को पहली बार इतना बड़ा झटका दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप यहीं नहीं रुकने वाले हैं, 20 जनवरी को जो बाइडेन का कार्यकाल शुरू होने से पहले डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ कुछ और कठोर कार्रवाई कर सकते हैं। इससे पहले मई महीने में अमेरिका ने चीनी कंपनी हुआवेई व उसकी सहयोगी कंपनियों को काली सूची में डाल दिया था। इसके बाद चीन ने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। चीनी कंपनी प्रोसेसर चिप्स और अन्य घटकों को बनाकर सत्ताधारी पार्टी के अमेरिका और अन्य विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता को कम करने के प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाता है।