पंजशीर पर कब्जे का दावाः जश्न में हवाई फायरिंग में बच्चों समेत कई लोगों की मौत
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और पंजशीर से तालिबान को चुनौती दे रहे अमरुल्लाह सालेह खुद एक वीडियो के जरिए सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि वह देश छोड़कर भागे नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह पंजशीर घाटी में ही हैं और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडरों और राजनीतिक हस्तियों के साथ हैं।
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में अब पंजशीर को लेकर खूनी संघर्ष के बीच तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा जमा लिया है। जीत के जश्न में काबुल में तालिबान की हवाई गोलाबारी में बच्चों सहित कई लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं।
एक समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजशीर में कब्जे के बाद तालिबान ने शुक्रवार की रात हवाई फायरिंग कर जश्न मनाया। हालांकि, तालिबान का यह जश्न आम अफगानियों के लिए जी का जंजाल बन गया और काबुल में तालिबान की हवाई गोलाबारी में बच्चों सहित कई लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। यहां बताना जरूरी है कि रेसिस्टेंस फोर्स ने तालिबानी दावे को खारिज किया है और कहा कि पंजशीर अब भी तालिबानियों के कब्जे में नहीं है। यह मानकर कि उन्होंने पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण कर लिया है, तालिबान ने कथित तौर पर शुक्रवार की रात काबुल के अधिकांश हिस्सों में खुशी के मारे हवाई फायरिंग की। इसी हवाई फायरिंग ने काबुल में कई लोगों की जानें ले लीं। इधर, काबुल के जश्न के बीच रेसिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के दावे का खंडन करते हुए कहा कि पंजशीर अब भी उन्हीं के कब्जे में है और जंग में उन्होंने तालिबान को भारी नुकसान पहुंचाया है। तालिबान की गोलीबारी में घायल हुए अपने प्रियजनों को शुक्रवार देर रात कई लोग अस्पताल ले गए।
पंजशीर में तालिबान के कब्जे के बाद खबरें हैं कि खुद को अफगान का राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर से भाग गए हैं। हालांकि, इस बीच अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और पंजशीर से तालिबान को चुनौती दे रहे अमरुल्लाह सालेह खुद एक वीडियो के जरिए सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि वह देश छोड़कर भागे नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह पंजशीर घाटी में ही हैं और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडरों और राजनीतिक हस्तियों के साथ हैं।