कोरोना की वजह से मां का दूध हो गया हरा, जानें हैरान करने वाला यह वाकया

एक्सपर्ट्स की मानें तो मां को कोरोना होने के बाद भी बच्चे को दूध पिलाना नहीं छोड़ चाहिए, क्योंकि उनका दूध ही बच्चे की रक्षा करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक के जो अध्ययन सामने आए हैं, उसमें दूध के भीतर वायरस के जाने के संकेत कहीं नहीं हैं।

Update: 2021-02-13 09:42 GMT

नई दिल्ली । एक महिला ने दावा किया है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसका दूध हरे रंग में बदल गया।

मैक्सिको की रहने वालीं 23 वर्षीय अन्ना काॅर्टेज ने कहा कि उन्हें और उनकी बच्ची को कोरोना हो गया और इसके बाद उनके दूध का रंग नियाॅन ग्रीन (एक तरह से हरा) हो गया, जिसे देख वह खुद भी हैरान रह गईं। हालांकि, जब उनका इलाज पूरा हुआ और वह कोरोना निगेटिव हो गईं तो उनके दूध का कलर सामान्य हो गया। मेट्रो की खबर के मुताबिक, अन्ना काॅर्टेज के दावे के बाद एक बाल रोग विशेषज्ञ ने अन्ना को आश्वस्त किया कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है और उनका दूध पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि उनके शरीर के अंदर मौजूद नेचुरल एंटीबाॅडीज की वजह से दूध का रंग बदल गया होगा, क्योंकि एंटीबाॅडी संक्रमण से लड़ते हैं और बच्चे की रक्षा करते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि दूध का हरा रंग मां के आहार के कारण हो सकता है, मगर 23 वर्षीय अन्ना ने कहा कि उनके खाने की आदतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और तो और बहुत सा साग खाने के बावजूद भी उनका दूध हमेशा सफेद ही रहता है। हालांकि, अन्ना के इस दावे के बाद सभी हैरान हैं। मां अन्ना काॅर्टेज ने कहा कि मैंने अपनी बेटी की देखरेख करने वाले डाॅक्टर से बात की जो एक स्तनपान सलाहकार भी है। उन्होंने कहा कि जब मम्मी बीमार हो जाती है, या जब बच्चा ठंड या पेट के वायरस की वजह से बीमार हो जाता है तो ऐसे में मां के दूध का रंग बदल जाता है। अन्ना का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित रहने के बाद भी वह लागातर अपनी बच्ची को दूध पिलाती रहीं। ब्रिटिश एक्सपर्ट्स की मानें तो मां को कोरोना होने के बाद भी बच्चे को दूध पिलाना नहीं छोड़ चाहिए, क्योंकि उनका दूध ही बच्चे की रक्षा करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक के जो अध्ययन सामने आए हैं, उसमें दूध के भीतर वायरस के जाने के संकेत कहीं नहीं हैं। 

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