नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली की चीन को दो टूकः दखल मंजूर नहीं

ओली ने सख्त लहजे में कहा कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाल के हैं और नेपाल और भारत के बीच यह एकमात्र छोटी समस्या है।

Update: 2021-01-13 06:17 GMT

नई दिल्ली । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को भारत के साथ संबंधों को बहुत अच्छा बताया। इसके साथ ही उन्होंने चीन को सख्त लहजे में संदेश दिया कि वह किसी और के आदेशों को नहीं मानता है।

पिछले कुछ समय से नेपाल की राजनीति में चीन की दखलअंदाजी पर हुए नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सख्त लहजे में कहा कि हमें अपनी स्वतंत्रता से प्यार करते हैं, हमें अपनी आजादी पसंद है। हम दूसरों के निर्देशों का पालन नहीं करते हैं... हम स्वतंत्र रूप से अपने मामलों पर निर्णय लेते हैं। हम बाहरी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। भारतीय चैनल के द काठमांडु पोस्ट की वेबसाइट में प्रकाशित इंटरव्यू में ओली ने कहा कि साल 2021 एक ऐसा साल होगा जब हम यह ऐलान कर सकते हैं कि नेपाल और भारत के बीच कोई समस्या नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि नेपाल भारत के साथ रिश्ते बहुत अच्घ्छे हैं। दोनों देशों के बीच ये रिश्ते इतने अच्छे हैं जितने पहले कभी नहीं रहे। इसके अलावा, ओली ने सख्त लहजे में कहा कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाल के हैं और नेपाल और भारत के बीच यह एकमात्र छोटी समस्या है। काठमांडू पोस्ट ने लिखा, सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के केपी ओली के पक्ष वाले एक नेता ने कहा कि यह इंटरव्यू ओली की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। इससे उन्होंने एक तीर से दो शिकार किए हैं। एक ओर उन्होंने नेपाली राष्ट्रवाद का जिक्र कर नेपाली लोगों को संतुष्ट करने की कोशिश की, दूसरा उन्होंने यह बताया कि वह दिल्ली के साथ मिलकर काम करना चाहते है और वह भारत के साथ कोई झगड़ा नहीं चाहते हैं। 

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