पाकिस्तान और तुर्की की जोडी को मिली तगडी शिकस्त
एफएटीएफ के 39 सदस्य देशों में से केवल तुर्की ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ना निकालने की बात कही।
नई दिल्ली। फाइनैंशल एक्शन टाक्स फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में एक बार फिर पाकिस्तान की नाक कट गई। उसे एक बार फिर ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया है। एफएटीएफ के 39 सदस्य देशों में से केवल तुर्की ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ना निकालने की बात कही।
एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को इस लिए मुंह की खानी पडी क्योंकि तुर्की के अलावा सभी 38 देश पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने के पक्ष में थे। सभी का कहना था कि समयसीमा खत्म हो जाने के बावजूद पाकिस्तान ने एक्शन प्लान को पूरी तरह लागू नहीं किया है। अब फरवरी 2021 में पाकिस्तान की फिर से परीक्षा होगी। प्लेनरी से पहले इंटरनेशनल कोआॅपरेशन रिव्यू ग्रुप की बैठक में तुर्की, चीन और सऊदी अरब ने टेक्निकल ग्राउंड्स पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की वकालत की, लेकिन बैठक में केवल तुर्की ने ही पाकिस्तान की वकालत की।
बताया गया है कि इराक, सीरिया से लेकर लीबिया और अजरबैजान तक, तुर्की हर जगह मुश्किलें पैदा कर रहा है। तुर्की पाकिस्तान के साथ, आईएसआई, आतंकवाद और इस्लामी विद्रोहियों को संगठित करके दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हिंसा, अस्थिरता और अशांति उत्पन्न कर रहा है। पाकिस्तान और तुर्की नए कट्टर इस्लामिक धुरी के विकास का प्रयास है, जो इस्लामिक दुनिया में सऊदी अरब से नेतृत्वकारी स्थान लेना चाहता है।