नस्लवाद के आरोपों पर आॅक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष रश्मि सामंत ने दिया इस्तीफा

अपनी पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट्स के वायरल होने और खुद पर नस्लीय आधार पर भेदभाव करने के आरोपों के बाद रश्मि सामंत ने पद से इस्तीफा दिया है। पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट्स के आधार पर नस्लवादी और असंवेदनशील बताया जा रहा था।

Update: 2021-02-18 09:29 GMT

लंदन। नस्लवादी टिप्पणी को लेकर चर्चाओं के बाद आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला प्रेसिडेंट चुनी गईं रश्मि सामंत ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपनी पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट्स के वायरल होने और खुद पर नस्लीय आधार पर भेदभाव करने के आरोपों के बाद रश्मि सामंत ने पद से इस्तीफा दिया है। पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट्स के आधार पर नस्लवादी और असंवेदनशील बताया जा रहा था।

कर्नाटक की मणिपाल इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी से पढ़ाई कर चुकीं रश्मि सामंत को बीते सप्ताह ही प्रेसिडेंट के तौर पर चुना गया था। उन्हें कुल पड़े 3,708 वोटों में से 1,966 मत मिले थे। वह उडुपी जिले के मणिपाल कस्बे की रहने वाली हैं। उनके पिता दिनेश सामंत एक कारोबारी हैं, जबकि मां वत्सला होममेकर हैं। बताया गया है कि मलेशिया घूमने के दौरान की अपनी एक तस्वीर को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए रश्मि सामंत ने कैप्शन में चिंग चांग लिखा था। इसे यहूदी और चीनी छात्रों के लिए गलत माना जा रहा था। यही नहीं स्टूडेंट यूनियन की डिबेट्स के दौरान उनकी तुलना हिटलर जैसे तानाशाह से की जा रही थी। इस बात से रश्मि सामंत काफी आहत थीं और अंत में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। सामंत ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए एक खुला खत लिखते हुए माफी भी मांग ली थी। इसके बाद भी लगातार उनकी आलोचना की जा रही थी और अंत में उन्होंने पद से इस्तीफा ही दे दिया। रश्मि सामंत ने फेसबुक पर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। इस्तीफा देते हुए रश्मि सामंत ने लिखा, आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट चुने जाने के बाद जिस तरह से कुछ घटनाएं हुई हैं। इससे मैं यह मानती हूं कि मेरे लिए यह इस्तीफा देने का सही समय है। आपने मुझे प्रेसिडेंट के तौर पर चुना यह मेरे लिए गर्व की बात है। आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चुनाव में रश्मि सामंत ने खुद को समावेशी कैंडिडेट के तौर पर पेश किया था। यही नहीं प्रचार के दौरान उन्होंने आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सिलेबस से उपनिवेशवादी चीजों को हटाने की भी बात कही थी। 

Similar News