मनुष्य के पेट में मौजूद बैक्टीरिया से हो सकता है कोरोना का उपचार स्टडी
क्या पेट में पाए जाने वाला बैक्टीरिया वायरस के हमले से आंत को बचा सकता है या नहीं। इस परिकल्पना को परखने के लिए रिसर्चर्स ने कोरोना के खिलाफ गट बैक्टीरिया की भूमिका पर गौर किया। इसमें पता चला कि बिफिदोबैक्टीरियम नामक बैक्टीरिया में कुछ इस तरह की गतिविधि हो सकती है।
सोल। दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले में कुछ कमी के बावजूद रोज आ रहे नए वेरिएंट चिंता का सबब बने हैं। इस बीच एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड-19 महामारी का समाधान इंसान के ही पेट में ही है। इसके मुताबिक हमारे पेट में एक ऐसा बैक्टीरिया है, जो कोरोना का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 वायरस की रोकथाम कर सकता है।
कोरोना को लेकर दक्षिण कोरिया की योंसेई यूनिवर्सिटी की लेटेस्ट स्टडी में पता चला कि इस खतरनाक वायरस से जंग में गट यानी पेट में पाए जाने वाला एक बैक्टीरिया मददगार हो सकता है। रिसर्चर्स ने पाया है कि यह बैक्टीरिया ऐसे कंपाउंड की उत्पत्ति करता है, जो कोरोना का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 वायरस की रोक सकता है। इससे पहले हुए स्टडी से यह जाहिर हो चुका है कि मामूली या गंभीर रूप से संक्रमित होने वाले कुछ कोरोना पीड़ितों में पेट संबंधी लक्षण उभरते हैं, तो दूसरे मरीजों में सिर्फ फेफड़ों में संक्रमण होता है। इस बारे में दक्षिण कोरिया की योंसेई यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मुहम्मद अली ने कहा कि हमने सोचा कि क्या पेट में पाए जाने वाला बैक्टीरिया वायरस के हमले से आंत को बचा सकता है या नहीं। इस परिकल्पना को परखने के लिए रिसर्चर्स ने कोरोना के खिलाफ गट बैक्टीरिया की भूमिका पर गौर किया। इसमें पता चला कि बिफिदोबैक्टीरियम नामक बैक्टीरिया में कुछ इस तरह की गतिविधि हो सकती है। रिसर्च ने बीमारियों से मुकाबला करने वाले संभावित कंपाउंड की तलाश में मशीन लर्निग तकनीक का भी इस्तेमाल किया। उनका मानना है कि इस तरह के कंमाउंड कोरोना वायरस के खिलाफ उपयोगी हो सकते हैं। अली ने बताया कि हमने एक माडल तैयार करने के लिए पहले के कोरोना वायरस संबंधी डाटा का उपयोग किया, जिसमें इस घातक वायरस के खिलाफ कई कंपाउंड का परीक्षण किया गया था। फिलहाल अभी इस स्टडी के पूरे डेटा का इंतजार है।