नईदिल्ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता 140 से अधिक सांसदों के निलंबन के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मार्च से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मीडिया से बातचीत की। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और संसद में सदन के जो मुखिया हैं, वे भी नहीं चाहते कि सदन चले। मैं माफी चाहता हूं कि राज्यसभा चेयरमैन साहब ने जो मुद्दा उठाकर इसे जातिवाद पर ले आए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। आज हम जो ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वह सरकार के खिलाफ आंदोलन है। सरकार ये नहीं चाहती कि ये आंदोलन हो। संसद में सदन के जो मुखिया हैं, वे भी नहीं चाहते कि सदन चले। मैं माफी चाहता हूं कि राज्यसभा चेयरमैन साहब ने जो मुद्दा उठाकर इसे जातिवाद पर ले आए हैं। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। लोगों की भावनाओं को संसद में बताना हमारा कर्तव्य है। लेकिन यहां पर जो घटना घटी लोकसभा में। उसी मुद्दे को अब लोकसभा और राज्यसभा में उठाना चाहते थे कि सुरक्षा में सेंध कैसे लगी। कौन इसका जिम्मेदार है। इसके बारे में आप देश को बताइए। अगर आप सदन में ही नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे। लेकिन शाह साहब ही नहीं आए और प्रधानमंत्री मोदी भी नहीं आए। तो सदन में बताने वाली चीजें छोड़कर पीएम वाराणसी, अहमदाबाद और रेडियो-टीवी पर बात करते हैं, लेकिन सदन में बात नहीं करते हैं। ये सदन की अमर्यादा उन्होंने की है। संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर विपक्ष दोनों सदनों में हंगामा कर रहा हैं। सदनों में हंगामे और व्यवधान डालने के आरोप में विपक्ष के 143 सांसदों को शेष शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। बुधवार को फिर से दो सांसदों को निलंबित किया गया। लोकसभा कार्यवाही के दौरान तख्तियां दिखाने के आरोप में विपक्ष के सांसद सी थामस और एएम आरिफ को निलंबित किया गया है। वहीं, सोमवार को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सासंदों को निलंबित किया गया थे। मंगलवार को लोकसभा के 49 सांसदों पर कार्रवाई की गई थे। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो अन्य सांसद को निलंबित किया गया हैं।