मुजफ्फरनगर में आक्सीजन गैस घोटाला-कोविड अस्पतालों में ओवर रेट पर हो रही थी सप्लाई

इससे पहले कोरोना काल के दौरान भोजन घोटाला उजागर हुआ था, जिसकी लीपापोती कर ली गयी है। इसमें भी बिना लाइसेंस वाली फर्म को ही प्रशासनिक स्तर पर क्वारंटीन सेंटरों में भोजन आपूर्ति का ठेका दे दिया गया था।

Update: 2020-09-16 13:02 GMT

मुजफ्फरनगर। कोरोना काल के दौरान जनपद में भोजन आपूर्ति में वित्तीय अनियमितता के बाद अब आक्सीजन गैस घोटाला सामने आया है। कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए बने कोविड-19 एल-1 अस्पतालों में मानक से अधिक मूल्य पर आक्सीजन गैस सप्लाई की धांधली का आज भंडाफोड़ हुआ तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया। यह कार्यवाही छापामार अभियान के तहत हुई है। गैस घोटाला ड्रग विभाग की टीम ने पकड़ा है। इसके उजागर होने के साथ ही अफसरों में हलचल नजर आई। वहीं विभागीय टीम ने गैस फैक्ट्री को सील करने की तैयारी कर ली है।


सूत्रों के अनुसार सिविल लाइन थाना क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र में बाबा गैस एजेंसी की फैक्ट्री पर आज ड्रग इंस्पेक्टर लव कुमार ने अपनी पूरी टीम के साथ छापा मारा। इस फैक्ट्री में आक्सीजन गैस के सिलेण्डर भरे जाते हैं। इस फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर धांधली पकड़ी गयी है। ड्रग विभाग के सूत्रों के अनुसार बाबा गैस एजेंसी के नाम पर चल रही इस फैक्ट्री में मानकों की अनदेखी की गयी। यहां पर पहुंची टीम ने बड़ा खुलासा करते हुए जनपद में आक्सीजन गैस घोटाला होने का संकेत दिया है।

ड्रग इंस्पेक्टर लव कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में यह पाया गया है कि बाबा गैस एजेंसी को ट्रेडिंग का लाइसेंस दिया गया था, जबकि इस लाइसेंस पर बाबा गैस एजेंसी के मालिक द्वारा आक्सीजन की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही थी। इस कंपनी के द्वारा मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज बेगराजपुर में बनाये गये कोविड हास्पिटल के साथ ही शामली में बनाये गये कोविड एल 1 हास्पिटल में भी आक्सीजन गैस की आपूर्ति की जा रही है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 170 रुपये की आक्सीजन गैस का सिलेण्डर इन कोविड अस्पतालों में 350 रुपये में आपूर्ति किया जा रहा है।


ड्रग विभाग के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बीते दिन की गयी समीक्षा के दौरान ही मुजफ्फरनगर में आक्सीजन गैस की आपूर्ति को लेकर मिल रही शिकायतों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। इसी क्रम में आज इस फैक्ट्री पर विभागीय अफसरों की टीम द्वारा छापा मारा गया है। इस छापे में गैस घोटाला सामने आने पर जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया है। इससे पहले कोरोना काल के दौरान भोजन घोटाला उजागर हुआ था, जिसकी लीपापोती कर ली गयी है। इसमें भी बिना लाइसेंस वाली फर्म को ही प्रशासनिक स्तर पर क्वारंटीन सेंटरों में भोजन आपूर्ति का ठेका दे दिया गया था।

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