पुलिस ने अपनी सुरक्षा में कराई दलित की शादी, कराई घुड़चढ़ी, ड्रोन से निगरानी, गांव छावनी में तब्दील
अजमेर- अजमेर जिले में दूल्हे की बरात भारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई, क्योंकि दुल्हन के परिवार ने प्रशासन से संपर्क कर आशंका जताई थी कि ऊंची जातियों द्वारा घोड़े पर सवार बरात का विरोध किया जा सकता है। राजस्थान के अजमेर जिले के लवेरा गांव में एक ऐतिहासिक घटना घटी। जब दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले श्रीनगर निवासी विजय रैगर ने अपनी बरात घोड़ी पर बैठकर निकाली। उन्होंने लवेरा गांव के रहने वाले नारायण खोरवाल की बेटी अरुणा से ब्याह रचाया।यह घटना केवल एक शादी समारोह तक सीमित नहीं रही, बल्कि सामाजिक समता और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बन गई। विजय रैगर की बरात करीब 100 से अधिक पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की सुरक्षा के साये में निकाली गई, ताकि किसी भी प्रकार की जातीय हिंसा या विरोध को रोका जा सके। दरअसल, 9 जुलाई 2005 में नारायण लाल रैगर की बहन सुनिता की शादी में लवेरा गांव में एक प्रभावशाली वर्ग के लोगों ने आपत्ति जताई थी। इस मसले पर विवाद गहरा गया था। उस समय भी पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भी तैनात किया गया था, इसके बावजूद विशेष वर्ग के दबाव में घोड़ी वाला बरात में से घोड़ी लेकर गायब हो गया था। इसके बाद बारात पुलिस जीप में दूल्हे को बैठाकर बरात निकाली गई।