दिल्ली हादसे से सतर्क हुई पालिका की शहर के बेसमेंट वालों पर टिकी नजर
शहरी क्षेत्र में घर और दुकानों में चल रहे बेसमेंट को लेकर पालिका प्रशासन ने शुरू की जांच की तैयारी, नोटिस देकर मांगे जायेंगे जवाब, एमडीए के साथ मिलकर बेसमेंट की जांच करने का प्लान
मुजफ्फरनगर। दिल्ली के एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश के बाद पानी भर जाने से तीन विद्यार्थियों की मौत हो जाने के मामले को लेकर नगरपालिका परिषद् में भी हलचल नजर आ रही है। पालिका प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में घरेलू और व्यावसायिक भवनों में बने बेसमेंट को लेकर नजरें तिरछी कर ली है। इसके लिए पालिका के निर्माण और कर विभाग से ऐसे भवनों की सूची तलब की गई है, जिनमें किसी भी स्तर से बेसमेंट बने हुए हैं। उस क्षेत्र में जल निकासी और जलभराव की स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट मांगी गयी है। साथ ही मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पालिका प्रशासन ने ऐसे भवनों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए दुर्घटना की संभावनाओं को तलाशने के लिए जांच करने की तैयारी की है।
गत रविवार को दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में बारिश के बाद अचानक ही तेजी से पानी भर जाने के कारण स्टडी सर्किल में यूपीएससी परीक्षा के लिए कोचिंग लेने वाले तीन विद्यार्थियों की पानी में डूब जाने से मौत हो गई। इससे पूरे देश में हलचल मची हुई है। मुजफ्फरनगर शहर की बात करें तो यहां पर भी हल्की सी बारिश में भी बड़े पैमाने पर जलभराव होने की समस्या आम बात है। पिछले दिनों ही दो दिन हुई तेज बारिश के कारण शहर की मलिन बस्तियों से लेकर पॉश कालोनियों तक हर स्थान पर भारी जलभराव देखने को मिला। पॉश कालोनियों में करोड़ों कीमत की कोठियों के अन्दर भी बारिश का पानी था। इतना ही नहीं जानसठ रोड स्थित एसकेबी आयोग्यम हॉस्पिटल की दीवार जलभराव के कारण ढह जाने के बाद उसके बेसमेंट में भी पानी भर गया था और सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड मशीनों के साथ अन्य उपकरण भी पानी भरने से खराब हो गये थे। उस दिन भी इस हॉस्पिटल में बड़ा हादसा हो सकता था, जो संयोगवश बच गया, लेकिन कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे। अब दिल्ली के कोचिंग सेंटर में पानी भरने से हुई मौतों के बाद नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की गंभीरता के चलते पालिका के अधिकारी सतर्क हुए हैं।
ज्ञात रहे कि शहरी क्षेत्र में भी अधिकांश लोगों ने घरेलू और व्यावसायिक भवनों में बेसमेंट बनाये हुए हैं। इनको रिहायश और व्यावसायिक रूप से प्रयोग भी किया जा रहा है। शहर के आदर्श कालोनी, नई मंडी, भरतिया कालोनी, जानसठ रोड, लद्दावाला, प्रेमपुरी, देवपुरम, गांधी कालोनी, खालापार, रुडकी रोड, मेरठ रोड, सदर बाजार, भोपा रोड सहित अन्य अधिकांश क्षेत्रों में भवनों में बेसमेंट बनाये हुए हैं। इन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या भी बनी रहती है। ऐसे में यहां पर भविष्य में हादसों की आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। दिल्ली की घटना के बाद चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप भी लोगों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील नजर आई और उन्होंने ऐसे किसी भी हादसे की संभावना को रोकने के लिए शहरी क्षेत्र के ऐसे भवनों जिनमें बेसमेंट चल रहे हैं, सत्यापन करने के निर्देश दिये हैं।
पालिका की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि दिल्ली की घटना का संज्ञान लिया गया है। शहरी क्षेत्र में भी घेरलू और व्यावसायिक भवनों में काफी संख्या में बेसमेंट चलाये जा रहे हैं। ज्यादातर हॉस्पिटल और स्कूल कॉलेजों में बेसमेंट होने की जानकारी मिली है। इसके अलावा अन्य भवनों में भी बेसमेंट बने हुए हैं। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के दिशा निर्देशन में हमने ऐसे सभी भवनों को भौतिक सत्यापन कराने की तैयारी की है। इसके लिए निर्माण और कर विभाग के अधिकारियों से बेसमेंट वाले भवनों की सूची मांगी गयी है। इसके बाद अधिकारियों की टीम लगाकर इनका स्थलीय निरीक्षण कराते हुए जलभराव की स्थिति का जायजा लिया जायेगा। ईओ डा. प्रज्ञा ने बताया कि यह अभियान एमडीए से समन्वय स्थापित करते हुए चलाया जायेगा। क्योंकि भवन निर्माण के लिए नक्शा एमडीए द्वारा ही जारी किया गया होगा। नक्शा के अनुसार बेसमेंट का उपयोग हो रहा है या नहीं, नक्शा पास है या नहीं, ऐसे सभी बिन्दुओं पर जांच की जायेगी। यदि अवैध पाया गया तो भवन स्वामी के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्यवाही कराई जायेगी। साथ ही ऐसे बेसमेंट को बंद कराने के लिए शासन और प्रशासन से भी सहयोग लिया जायेगा। पालिका ऐसे सभी भवनों के स्वामियों को नोटिस भी जारी करेगी। ईओ ने बताया कि अधिकांश बेसमेंट पार्किंग के लिए बनाये जाते हैं, लेकिन इनका दूसरे स्तर से उपयोग शुरू कर दिया जाता है। पालिका यही प्रयास करेगी कि शहरी क्षेत्र में दिल्ली जैसी घटना की संभावनाओं को खत्म किया जाये। अभी कांवड़ यात्रा में व्यवस्था प्राथमिकता पर है। इसके बाद इसमें बड़ा एक्शन लेते हुए अभियान चलाया जायेगा।
अवैध रूप से जो बेसमेंट चल रहे हैं, उन पर कार्यवाही करेंगेः कविता मीणा
मुजफ्फरनगर। दिल्ली के आईएएस कोचिंग सेंटर में जलभराव के कारण हादसे में तीन छात्रों की मौत को लेकर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ;एमडीएद्ध भी हरकत में है। एमडीए की उपाध्यक्ष कविता मीणा ने कहा कि दिल्ली का हादसा चिंताजनक है।
जनपद में भी काफी संख्या में लोगों ने बेसमेंट बनाये हुए हैं। इसके लिए विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए जांच कराई जायेगी। इसमें शहरी क्षेत्र में नगरपालिका, टाउन एरिया में नगर पंचायत, शिक्षा विभाग, जिला पंचायत भी अपने अपने स्तर से जांच कर सकते हैं। एमडीए के द्वारा भवनों को एक निर्धारित मानक का पालन करने पर ही नक्शा जारी किया जाता है। काफी संख्या में बेसमेंट के नक्शे भी एमडीए द्वारा जारी किये गये हैं। यदि कहीं अवैध भवन निर्माण का मामला है और बेसमेंट भी मानकों के विपरीत बनाया हुआ तो ऐसे भवनों के खिलाफ भी हम कार्यवाही करेंगे। इसके लिए विभागीय समन्वय बनाने का पूरा पूरा प्रयास किया जायेगा।
अवैध और मानकों के विपरीत बेसमेंट होंगे बंदः सिटी मजिस्ट्रेट
मुजफ्फरनगर। दिल्ली की घटना को लेकर जिला प्रशासन भी सतर्क हुआ है। नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने दिल्ली आईएएस कोचिंग सेंटर में बारिश का पानी भरने से हुई मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए कहा कि इसका संज्ञान लिया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में जितने भवनों में भी बेसमेंट चलाये जा रहे हैं। उनमें निकासी की अवस्था, नक्शा और मानकों के पालन को लेकर विभागीय कमेटी बनाकर जांच कराई जायेगी।
नगरपालिका परिषद् और मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को इसके लिए दिशा निर्देश निर्गत किये जा रहे हैं। कांवड़ के बाद इस मामले में जांच कराकर रिपोर्ट तलब की जायेगी। ऐसे में जो भी भवन अवैध पाये जायेंगे, उनके बेसमेंट को बंद कराने और विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही किये जाने का काम होगा। उन्होंने कहा कि बिना नक्शे वाले बेसमेंट नहीं चलने दिये जायेेंगे। एमडीए और पालिका स्तर से इस पर कार्यवाही जल्द ही शुरू कराई जायेगी।