आखिर क्यों, अपनी ही सरकार को नासमझ बता गये जयंत चौधरी
कांवड़ मार्ग पर नाम लिखवाने के सरकार के फैसले पर केन्द्रीय राज्यमंत्री ने जताई असहमति, कहा-बर्गर किंग और मेकडोनाल्ड पर क्या लिखा जायेगा, कुर्तों पर भी नाम लिखवाना पड़ेगा क्या!
मुजफ्फरनगर। केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने कांवड़ मार्ग पर नाम प्रदर्शित करने के फैसले पर हो रही राजनीति को लेकर कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है। जाति और धर्म की पहचान कर कोई सेवा नहीं लेता है। कांवड़ियों की सेवा में सभी लोग लगते हैं। सेवादारों का आशीर्वाद लेकर कांवड़िए आगे बढ़ते हैं। साथ ही सरकार पर कहा कि ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया। अब फैसला हो गया है तो इस पर ये लोग टिक रहे हैं। अभी भी समय है ऐसे नासमझी भरे फैसले को ये लोग वापस ले सकते हैं। इस फैसले में यह भी शामिल है कि नाम प्रदर्शित करने के लिए ज्यादा दबाव किसी पर नहीं दिया जा रहा है। मामले को धर्म और जाति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। अब कांवड मार्ग पर बर्गर किंग और मेकडोनाल्ड पर किसका नाम लिखवाया जायेगा, ये भी अफसर बतायें। ऐसे फैसलों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा का भाव धर्म, जाति और समुदाय से परे है यह नाम देखकर नहीं बदलता।
मोरना क्षेत्र के एक गांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी का कार्यकर्ताओं ने मेरठ रोड स्थित होटल सोलिटियर इन में स्वागत किया। यहां पर राज्यसभा सांसद और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि कांवड़ मार्ग पर नाम लिखने का मामला कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, इसे नासमझी ने बड़ा बना दिया है। विशेष तौर पर जाति और धर्म के आधार पर कोई भी फैसला नहीं होना चाहिए। यह फैसला समझदार भरा नहीं कहा जा सकता है। अब नासमझी में लिए गए फैसले पर केवल अड़ा जा रहा है, जो गलत है। इस फैसले को सरकार को वापस लेना चाहिए तथा सामाजिक स्तर पर धर्म आधारित भेदभाव की स्थिति से बाहर निकला जा सके। उन्होंने सत्ता पक्ष में होने के बावजूद विरोध करने के सवाल पर कहा कि इस मामले में हमारा जो स्टैंड है वो पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बोल चुके हैं, उसी स्टैंड पर मैं भी खड़ा हूं।
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान कोई पहचान जाति और धर्म आधारित नहीं होती है। कोई भी पहचान कर सामान नहीं खरीदता है। न ही ऐसा पहले कभी हुआ है। इस यात्रा को धर्म और जाति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने सरकार के फैसले और अफसरों की कार्यवाही पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर में ही कांवड़ मार्ग पर ही बर्गर किंग ओर मेकडोनाल्ड भी पड़ते हैं, उनसे किसका नाम लिखवाया जायेगा। हिन्दुओं में भी मांसाहारी लोग और मुस्लिमों में शाकाहारी भी बहुत हैं। किस किस चीज पर नाम लिखवाने का काम किया जायेगा। हम सरकार का नहीं गलत निर्णय का विरोध कर रहे हैं। ऐसे मामलों से बचा जाना चाहिए। खानपान की दुकानों के साथ ही टायर पंक्चर की दुकानों पर भी नाम लिखवाने की कार्यवाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब क्या कुर्ते पर भी नाम लिखवायें कि यह किसने बनाया है। किसका कुर्ता पहना है, उससे गले मिले या नहीं, उससे हाथ मिलाये या नहीं, ऐसे फैसले सामाजिक विभेद पैदा करते हैं, जो नहीं होने चाहिए। मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान सभी समाज के लोग शिवभक्तों की सेवा करते हैं और पूर्व में मुस्लिमों के द्वारा भी सेवा की जाती रही है। ऐसे में कांवड़िया अपनी यात्रा के दौरान सभी सेवादारों का आशीर्वाद लेकर सेवा लेकर आगे बढ़ता है। उस शिवभक्त को कोई दिक्कत नहीं रहती है।
मंत्री अनिल कुमार बोले-फैसले की समीक्षा की आवश्यकता
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री और रालोद के पुरकाजी सीट से विधायक अनिल कुमार ने भी सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि इसमें किसी नेता ने या सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है, ये केवल मुजफ्फरनगर प्रशासन और पुलिस अफसरों की ओर से दिया गया आदेश है, अब इसके लिए उनको क्या इनपुट मिला यह वो ही जानते हैं, लेकिन इस फैसले की समीक्षा किया जाना जरूरी है।