अंजू अग्रवाल ने दिखाया दम-पीस लाइब्रेरी ध्वस्त

चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने पालिका बोर्ड मीटिंग के बाद खुद खड़े होकर बिस्मार कराई अंग्रेजकाल की 100 साल पुरानी बिल्डिंग। डिजीटल लाइब्रेरी के साथ बनाया जायेगा बहुमंजिला मल्टीप्लेक्स काम्पलैक्स, अंजू अग्रवाल ने बताया फ्यूचर प्लान-इस फैसले से शहर में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, पालिका की आय बढ़ेगी।;

Update: 2020-10-07 11:30 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में भाजपा नेत्री के रूप में आज बोर्ड मीटिंग में जहां चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल पूरे आत्मविश्वास में नजर आयी, वहीं उनके द्वारा शहर के विकास और शहरवासियों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सदन के रास्ते दो बड़े अहम निर्णय लिये। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने पालिका बोर्ड मीटिंग खत्म होने के बाद तुरंत ही जेसीबी सहित पूरा लाव लश्कर लेकर पीस लाइब्रेरी भवन का ध्वस्तीकरण कराने का काम किया। सौ साल पुराने अंग्रेजीकाल के इस जर्जर हो रहे भवन के बिस्मार होने तक मौके पर ही मौजूद रही। सभासद और अन्य लोग भी वहां पर मौजूद रहे। सभी ने चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के इस बोल्ड डिसीजन की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए इसे शहर के हित में बड़ा फैसला बताया। चेयरपर्सन ने बताया कि इस भवन के स्थान पर अब पालिका प्रशासन द्वारा एक मल्टी परपज काॅम्पलैक्स का निर्माण करायेगा। इससे जहां युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे, वहीं पालिका प्रशासन की आय में बढोतरी का एक साधन भी यह साबित होगा। इसके साथ ही कंपनी बाग की 46 बीघा भूमि को भी उनके द्वारा उद्यान विभाग द्वारा की गयी दीवार को तोड़कर सुरक्षित कराने का काम किया गया है। अंजू अग्रवाल के आज लिये गये इन दोनों फैसलों की जिलेभर में चर्चा होती रही।


भाजपा ज्वाइन करने के बाद शहर की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल अपनी पहली बोर्ड मीटिंग में शामिल होने के लिए मंगलवार को टाउनहाल पहुंची थी। यहां बोर्ड मीटिंग में वार्ड 13 के सभासद अरविन्द धनगर ने पालिका की आय बढ़ाने और रोजगार के नये संसाधन व अवसर पैदा करने के लिए पीस लाइब्रेरी पर नया भवन निर्माण करने के लिए पूर्व में पारित प्रस्तावों का जिक्र करते हुए अंग्रेजीकाल के इस भवन को आज ही ध्वस्त कराने का प्रस्ताव रखा। इस पर सदन में चर्चा के बाद सर्वसम्मति से भवन के ध्वस्तीकरण पर मुहर लगी। बोर्ड मीटिंग समाप्त होने के साथ ही चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल सभासदों और पालिका अफसरों को साथ लेकर पीस लाइब्रेरी भवन पर पहुंची और वहां अपने सामने ही भवन को बिस्मार कराने का काम शुरू कर दिया गया। यहां पर तीन जेसीबी मशीन इस भवन को गिराने के लिए लगाई गयी। अचानक ही पीस लाइबे्ररी की बिल्डिंग तोड़ने की कार्यवाही को देखते हुए आसपास के दुकानदारों में हड़कम्प की स्थिति बन गयी थी। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गयी। सभासदों और आम लोगों ने चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के इस निर्णय को सराहनीय बताया। इन लोगों का कहना था कि भाजपा में शामिल होने के बाद अंजू अग्रवाल की शक्ति भी बढ़ गई हैं और यह कार्यवाही उसी का नतीजा है।

चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने बताया कि पीस लाईब्रेरी व इसके पीछे के पालिका क्वार्टर, नेहरू चिकित्सालय में खाली पडी पालिका भूमि का कोई भी ज्यादा लाभ समाज या पालिका प्रशासन को नहीं हो पा रहा था। अब पीस लाइब्रेरी सहित अन्य समस्त भूमि को सम्मिलित करते हुए जनहितार्थ अन्डर ग्राउंड पार्किंग स्थल, बहुमंजिला लिफ्ट युक्त आधुनिक काम्पलैक्स और आधुनिक कम्प्यूटराईज लाईब्रेरी का निर्माण कराए जाने के लिए बोर्ड ने मिलकर स्वीकृती दी है। यहां पर भविष्य में एक ऐसा भवन निर्माण कराया जायेगा तो शहर की पहचान बनेगा और पालिका को आर्थिक स्तर पर इससे मजबूती मिलेगी। उन्होंने शहर के विकास के लिए इस बड़े फैसले में साथ देने पर सभी सभासदों का आभार भी जताया।

नगरपालिका की बोर्ड मीटिंग में पीस लाइबे्ररी के ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव रखते हुए सभासद अरविन्द धनगर।

वहीं पीस लाइब्रेरी के ध्वस्तीकरण के लिए शुरू से ही आवाज उठा रहे सभासद अरविन्द धनगर ने बताया कि तत्कालीन सिटी बोर्ड द्वारा नगरवासियों के लिए पीस लाईब्रेरी एसोसिएशन को लाईब्रेरी हेतु 5104 वर्ग फुट भूमि लीज पर दी गई थी, जिसका अनुबंध म्युनिसिपल बोर्ड मुजफ्फरनगर व पीस लाईब्रेरी एसोसिएशन के मध्य 13 फरवरी 1941 को हुआ था। अनुबंध के अनुसार पीस लाईब्रेरी एसोसिएशन को 5104 वर्ग फुट भूमि 1 रुपए वार्षिक की दर से लीज की गई थी, लेकिन यह 1 रुपये वार्षिक शुल्क भी पीस लाईब्रेरी एसोसिएशन की ओर से पालिका कोष में जमा नहीं कराया गया। इतनी भूमि बेवजह ही खंडहर हो रही थी। इसके लिए उनके द्वारा प्रस्ताव दिया गया था कि यहां पर व्यवसायिक बिल्डिंग बनाकर पालिका की आय बढ़ाई जा सकती है। 16 जनवरी 2019 में हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव संख्या 62 स्वीकार किया गया। इसके बाद पीस लाईब्रेरी एसोसिएशन के सैकेट्री सुशील कुमार को 15 दिन की अवधि में भवन को खाली करने के लिए पत्र भेजा गया, लेकिन उनके द्वारा पीस लाईब्रेरी खाली न करते हुए पत्राचार कर अनेक बहाने बनाये गये थे, जिसको पालिका प्रशासन ने बेवजह माना और 24 जुलाई की बोर्ड मीटिंग में पीस लाईब्रेरी का रखरखाव सहीं प्रकार से न होने, बिल्डिंग जर्जर हालत में होने और कभी भी गिरने की आशंका को देखते हुए इसके ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव पारित कराया था। लेकिन दो माह बाद भी पालिका प्रशासन की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नहीं की जा रही थी, आज सदन में उन्होंने इसे उठाया और सभी का साथ मिलने व चेयरपर्सन द्वारा त्वरित कार्यवाही कराना सराहनीय रहा।


पीस लाइब्रेरी के बरामदे में अंग्रेजीकाल की याद दिलाता एक फाउंडेशन स्टोन भी इस ध्वस्तीकरण की धूल में खो गया। इस फाउंडेशन स्टोन के अनुसार पीस लाइब्रेरी की नींव 23 मार्च 1920 को रखी गयी थी। इसका शिलान्यास तत्कालीन अंग्रेज आईपीएस अफसर पी.डब्ल्यू. मार्श द्वारा किया गया था। इस फाउंडेशन स्टोन के अनुसार पीस लाइब्रेरी का निर्माण सेठ बिहारी लाल तुलाराम द्वारा कराया गया था। उस दौर में पीस लाइब्रेरी के आसपास पूरी तरह से जंगल ही स्थित था। बाद में सिटी बोर्ड का गठन हो जाने के बाद इस यह सम्पत्ति सिटी बोर्ड की मिलकियत में आ गयी थी। अब सौ साल बाद चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के एक बोल्ड डिसीजन ने इस अंगे्रजराज की यादगार को नया अवसर बनाने के लिए रास्ते खोलने का काम किया है। 

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