शहर कोतवाल अनिल कपरवान के तीन साल-उपलब्धि बेमिसाल

गैंगस्टर एक्ट में की सबसे बड़ी कार्रवाई, समीर सैफी हत्याकांड में दिया सूझबूझ का परिचय

Update: 2021-01-18 10:01 GMT

मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक के रूप में इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने आज अपने तीन साल पूरे कर लिये हैं। इन तीन वर्षों के कार्यकाल में इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने एक मजबूत, निर्भीक और ईमानदार लीडर के रूप में जहां अपने कार्यकाल से सभी को प्रभावित किया, वहीं सोशल पुलिसिंग कर उन्होंने जनता का दिल जीतने में भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इन तीन वर्षों में इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने तीन कप्तानों के साथ जो काम किया, उसमें वह कई बेमिसाल उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे हैं। शिक्षा माफिया इमलाख के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में उनके द्वारा सबसे बड़ी कार्यवाही की गयी तो वहीं अधिवक्ता समीर सैफी मर्डर केस में उन्होंने अपनी सूझबूझ को साबित करते हुए इस वारदात को मर्डर मिस्ट्री बनने से रोककर हत्यारोपियों को जेल तक पहंुचाने का काम किया।

मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने 18 जनवरी 2018 को शहर कोतवाली प्रभारी के रूप में अपना कार्यभाल संभाला था। तत्कालीन एसएसपी अनंत देव के साथ मिलकर उन्होंने अपराध उन्मूलन में बड़ा काम किया और कुख्यात अपराधी विकास जाट को एनकाउंटर में ढेर कर बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। इसके साथ ही कई मर्डर मिस्ट्री को इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने दिल की बात सुनकर सटीक खुलासा किया। इनमें अधिवक्ता समीर सैफी हत्याकांड का खुलासा उनकी सूझबूझ को प्रदर्शित करता है। समीर की हत्या कर आरोपियों ने इस साफगोई से खुद के बचने के सारे रास्ते तय कर लिये थे कि पुलिस भी खुद चक्कर खाकर रह गयी थी। लेकिन इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने बातों से भ्रम का एक ऐसा जाल बुना कि समीर सैफी के हत्यारोपियों का पर्दाफाश होकर रह गया। इस हत्याकांड को लोग आज भी नहीं भुला पाये हैं, जितने शातिराना अंदाज में हत्यारोपियों ने समीर को ठिकाने लगाया था, उतनी ही चालाकी से इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने इस केस का खुलासा कर अपने अधिकारियों की सराहना बटोरी। इसके अलावा उनके कार्यकाल की एक बेमिसाल उपलब्धि शेरपुर गांव निवासी शिक्षा माफिया और बाबा कोचिंग के मालिक इमलाख पर गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही रही।

इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने एसएसपी अभिषेक यादव के मार्गदर्शन में साल 2008 से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहकर गलत ढंग से धन अर्जित करने वाले इमलाख के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की मजबूत कार्यवाही की। पहले गांव में स्थित उसकी 60 लाख रुपये कीमत की अचल सम्पत्ति को उन्होंने शासन के पक्ष में जब्त कराने का काम किया और इसके बाद सितम्बर 2020 में इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने इमलाख के खिलाफ गैंगस्टर एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत एक्शन लिया और उसकी करीब 25 करोड़ 3पये कीमत की अचल सम्पत्ति को शासन के पक्ष में जब्त कराया गया। पुलिस की इस कार्यवाही में थाना छपार क्षेत्र के सिमरती गांव स्थित 1.1 करोड़ रूपये की 41 बीघा भूमि, ताजपुर गांव में 90 लाख रूपये की 26 बीघा भूमि, सिविल लाइन क्षेत्र के सरवट गांव में तीन करोड रुपए का प्लाट, बाबा मेडिकल कालेज की इमारत, जिसकी कीमत लगभग 18 करोड़ रूपये है और दो करोड रुपये की कीमत की जमीन कुर्क कर ली गई। इंस्पेक्टर अनिल कपरवान की इस उपलब्धि का ही असर रहा कि हाल ही में यूपी में गैैंगस्टर पर हुई कार्यवाही के दौरान जारी सूची में मुजफ्फरनगर पुलिस का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा।

इंस्पेक्टर अनिल कपरवान का कहना है कि यदि काम करने का अवसर मिले तो काफी कुछ बेहतर किया जा सकता है। इन तीन वर्षों में अपराध उन्मूलन के साथ ही पुलिस वेलफेयर के लिए भी थाना स्तर पर काफी सुधारात्मक प्रक्रिया अपनाकर कार्य किया गया है। इसके अलावा कई ऐसे काम रहे जो करने के बाद आज वह संतुष्ट हैं। लाॅकडाउन में बुजुर्ग दम्पत्ति की शादी की सालगिराह मनाये जाने को वह यादगार बताते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी कार्ययोजना शांतिपूर्वक पंचायत चुनाव कराना है। पूरी टीम इसी की तैयारियों को लेकर लगी है। 

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