पूरे भारत को अंधेरे में डुबोना चाहता था चीन
अमेरिकी साइबर फर्म ने जांच में पाया कि अधिकतर मैलवेयर कभी ऐक्टिवेट नहीं हुए। कंपनी के चीफ के मुताबिक चीन की कंपनी ने साइबर हमले की एडवांस तकनीक का सहारा लेकर भारत के करीब एक दर्जन पावर ग्रिड को गुपचुप तरीके से कंट्रोल करने की कोशिश की थी।
वाॅशिंगटन । गलवान घाटी में पराजित होने के बाद चीन भारत में अंधेरा करना चाहता था। उसने भारत में साइबर अटैक की कोशिश की थी इसकी वजह से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक दिन के लिए ब्लैक आउट हो गया था। पूरे शहर में बत्ती गुल हो गई थी अस्पतालों में जनरेटर से काम चलाना पड़ा था। उसका इरादा पूरे देश को अंधेरे में डुबोना था।
अमेरिकी अखबार न्यूयाॅर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है गलवान हिंसा के बाद चीन लगातार भारत पर साइबर हमले करता रहा। इसी के चलते मुंबई में 12 अक्टूबर को अचानक बिजली गुल होने से जनजीवन ठप्प हो गया था। ट्रेनें और स्टाॅक मार्केट भी ठप हो गया था। शहर के 2 करोड़ लोग अंधेरे में डूब गए थे। अस्पतालों में वेंटिलेटरों को चलाने के लिए जेनरेटरों का सहारा लेना पडा। ग्रिड फेल होने का असर मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन पर भी पड़ा था और जहां-तहां ट्रेनें खड़ी हो गई थीं। तब भी आशंका जताई गई थी कि मुंबई में साइबर हमले के पीछे चीनी साइबर अटैक हो सकता है। अब न्यू याॅर्क टाइम्स ने दावा किया है यह सब घटनाएं चीन के एक बड़े साइबर अभियान का हिस्सा था, जिसका मकसद भारत के पावर ग्रिड को ठप कर यहां अंधेरा फैलाना था। चीन का इरादा पूरे देश को अंधेरे में डुबो देना था। गतिरोध के बीच चीनी मैलवेयर भारत में बिजली सप्लाई के कंट्रोल सिस्टम में घुस चुके थे। इसमें हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन और थर्मल पावर प्लांट भी शामिल थे। अमेरिकी साइबर फर्म ने जांच में पाया कि अधिकतर मैलवेयर कभी ऐक्टिवेट नहीं हुए। कंपनी के चीफ के मुताबिक चीन की कंपनी ने साइबर हमले की एडवांस तकनीक का सहारा लेकर भारत के करीब एक दर्जन पावर ग्रिड को गुपचुप तरीके से कंट्रोल करने की कोशिश की थी।