चमोली में बादल फटने से मची तबाही

गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों की करीब सात झोपड़ियां बह गईं। जब मलबा आया मजदूर अपनी झोपड़ियों में थे।

Update: 2021-09-20 07:14 GMT

देहरादून। चमोली जिले के नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में बीआरओ के मजदूरों की झोपड़ियां मलबे में दब गए हैं। जब मलबा आया तो मजदूर झोपड़ियों के अंदर थे। इस दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को बचा लिया।

सोमवार को तड़के बादल फटने की घटना से तबाही मच गई है। नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूरों की करीब सात झोपड़ियां बह गईं हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने कहा स्थानीय प्रशासन राहत बचाव कार्य कर रहा है। बादल फटने की घटना से कोई जनहानी नहीं हुई है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों की करीब सात झोपड़ियां बह गईं। जब मलबा आया मजदूर अपनी झोपड़ियों में थे। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। बाढ़ से मजदूरों के 19 परिवार बेघर हो गए हैं। वहीं एक दुकान में मलबा घुस गया है।

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