बिजली हमारे जीवन की बुनियादी जरूरत बन चुकी है, इसके बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। एक दौर वो था जब छोटे-छोटे कामों के लिए बिजली विभागों की परिक्रमा करनी पड़ती थी। बिल निकलवाने से लेकर भुगतान करने, रीडिंग सही कराने में उपभोक्ताओं के छक्के छूट जाते थे। बिजली का बिल जमा करने के लिए सुबह से लेकर शाम तक लंबी लाइन में लगना पड़ता था।
बिजली उपभोक्ताओं की दिक्कतों को देखते हुए मोदी सरकार बिजली उपभोक्ताओं को भारी राहत देने जा रही है। बिजली उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए देश में पहली बार केंद्र सरकार बड़ा फेरबदल करने जा रही है। बिजली उपभोक्ताओं के हितों का ख्याल रखते हुए ऊर्जा मंत्रालय नियमों बड़ा बदलाव करने जा रहा है। आपको बताते चलें कि मोदी सरकार ने देश में दो महीने पहले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2020, कंज़्यूमर के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए लागू किया था। एक आधिकारिक बयान में ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि पहली बार बिजली उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने नियमों में बड़े पैमाने पर बदलाव और नए नियम शामिल किए हैं।
नियमों में बदलाव के लिए मसौदा तैयार हो रहा है। इस संबंध में मंत्रालय ने बयान में कहा है, 'केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय एक ऐतिहासिक प्रो-कंज्यूमर मूव ड्राफ्ट इलेक्ट्रिसिटी (कंज्यूमर्स राइट्स ऑफ कंज्यूमर) रूल्स, 2020 में नागरिकों से सुझाव और टिप्पणी आमंत्रित करता है। यह भी कहा कि इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करना है। आपकी जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है कि ऊर्जा मंत्रालय ने जो मसौदा तैयार किया है, उसमें कनेक्शन के लिए समयसीमा तय कर दी गई है।
अब नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। विद्युत लोड बढ़वाने के लिए ज्यादा झंझट नहीं करना पड़ेगा बल्कि 10 किलोवॉट लोड तक के लिए सिर्फ दो दस्तावेजों की जरूरत होगी। 150 किलोवाट तक लोड के लिए कोई डिमांड चार्ज नहीं लिया जाएगा, इससे कनेक्शन देने की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी। 7 दिनों के अंदर मेट्रो शहरों में नया बिजली का कनेक्शन मिल जाएगा। वहीं नगरपालिका और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमशः 15 दिन और 30 दिन में नया बिजली का कनेक्शन मिल जाएगा।
वहीं उपभोक्ता हित की बात करें तो इस नए मसौदे में सभी नागरिकों को बिजली प्रदान करना और उपभोक्ताओं को संतुष्टि पर ध्यान देना अब महत्वपूर्ण हो जाएगा। नया मसौदा अमल में आने के बाद कई महत्वपूर्ण बिंदुओं जैसे प्रमुख सेवाओं की पहचान करना, न्यूनतम सेवा स्तर और मानकों को निर्धारित करना और उन्हें उपभोक्ताओं के अधिकारों के रूप में मान्यता देना आवश्यक हो जाएगा। नई शर्तों के अनुसार, राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) प्रति वर्ष प्रति उपभोक्ता के लिए आउटेज की औसत संख्या और अवधि तय करेगा।
नकद, चेक, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के ज़रिए भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध होगी, लेकिन 1000 या अधिक के बिलों का भुगतान अब सिर्फ ऑनलाइन किया जाएगा। वहीं, अगर किसी ग्राहक को बिल 60 दिन की देरी से आता है तो ग्राहक को बिल में 2-5% तक की छूट मिलेगी।
इसके अलावा नए कनेक्शन के लिए 24x7 टोल फ्री कॉल सेंटर, वेब-आधारित और मोबाइल सेवाए चालू रहेंगे। साथ ही कनेक्शन की शिफ्टिंग, उपभोक्ता संयोजन, लोड परिवर्तन नाम और विवरण में परिवर्तन, मीटर के प्रतिस्थापन, आपूर्ति नहीं आदि के बारे में ईमेल, एसएमएस अलर्ट, ऑनलाइन स्थिति ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगी। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दी जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं से 30 सितंबर 2020 तक सुझाव लिए जाएंगे। मंत्रालय के वेबसाइट पर 9 सितंबर 2020 से ही लोगों के सुझाव मांगे गए हैं। उपभोक्ताओं से मिले सुझाव के बाद ऊर्जा मंत्रालय, मसौदा के नियम और शर्तों को अंतिम रूप देने का काम शुरू करेगा।