किसानों को सरकार का तोहफा, मिली 35 नई अधिक उपज वाली फसलों की वैरायटी

पीएम मोदी ने कहा कि एमएसपी में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है। इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है।

Update: 2021-09-28 09:15 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें बड़ी सौगात दी। उन्होंने आज 35 नई फसलों की वैरायटी को देश को समर्पित किया।

पीएम मोदी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर के नए परिसर का लोकार्पण किया और कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित किया। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने किसानों से भी बात की। प्रधानमंत्री ने किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें बड़ी सौगात दी। उन्होंने आज 35 नई फसलों की वैरायटी को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी द्वारा पेश किए गए फसलों की वैरायटी में मुख्य रूप से मुरझाई और बंध्यता मोजेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में, गेहूं की जैव-फोर्टिफाइड किस्में, बाजरा, मक्का और चना, क्विनोआ, पंखों वाला बीन और फैबा शामिल हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर के नए परिसर का लोकार्पण किया और कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित किया। वहीं कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने किसानों को संबोधित भी किया।

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि और विज्ञान के तालमेल का निरंतर बढ़ते रहना 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। आज इसी से जुड़ा एक और अहम कदम उठाया जा रहा है। देश के आधुनिक सोच वाले किसानों को 35 नई फसलों की वैरायटी को समर्पित किया जा रहा है और इस कदम से इनकी आय अवश्य बढ़ेगी। पीएम मोदी ने कहा कि बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है।

हमारे यहां उत्तर भारत में घाघ और बटुरी की कृषि संबंधी कहावतें बहुत लोकप्रिय रही हैं। घाघ ने आज से कई शताब्दि पहले कहा था- जेते गहिरा जोतै खेत, परे बीज फल तेतै देत। यानि खेत की जुताई जितनी गहरी की जाती है, बीज बोने पर उपज भी उतनी ही अधिक होती है। आज 35 और नई फसलों की वैरायटी देश के किसानों के चरणों में समर्पित की जा रही हैं। ये बीज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खेती की सुरक्षा करने और कुपोषण मुक्त भारत के अभियान में बहुत सहायक होने वाला हमारे वैज्ञानिकों की खोज का परिणाम है। इसके अलावा पीएम मोदी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये संस्थान मौसम और अन्य परिस्थितियों के बदलाव से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में देश के प्रयासों को वैज्ञानिक सहायता देगा। यहां से जो वैज्ञानिक तैयार होंगे, जो समाधान तैयार होंगे, वो देश की कृषि और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है, तो उसका और तेजी से विकास होता है। किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एमएसपी में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है। इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है। किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए हमने उन्हें बैंकों से मदद को और आसान बनाया गया है। आज किसानों को और बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है। हाल ही में अभियान चलाकर 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं।

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