तालीम के बिना मुस्लिमों का भला नहींः मौलाना हकीमुद्दीन

जमियत उलमा ए हिन्द हर जिले में आयोजित करेगा सद्भावना संसद, 13 नवम्बर को दिल्ली में देशव्यापी जलसा। जमियत के पदाधिकारियों ने देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर जताई नाराजगी, कहा-काननू नाम की कोई चीज नजर नहीं आती।

Update: 2022-10-08 11:44 GMT

मुजफ्फरनगर। जमियत उलमा ए हिन्द की मीटिंग में कौमी यकजहती (सामाजिक एकता) पर जोर देते हुए उलेमाओं ने कहा कि देश के साथ ही उत्तर प्रदेश और दूसरे प्रदेशों में जो भी सरकार चुनी गयी हैं, वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता ने वोट देकर चुनी हैं। मुसलमान भी इस देश के नागरिक हैं तो ऐसे में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनी गयी सरकारों से डरने की जरूरत नहीं है। यूपी में मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है, कहीं कोई बड़ी चीज सामने नहीं आई है। मदरसों की जांच, नमाज पर पाबंदी, लाउड स्पीकर पर पाबंदी के इस दौर से निकलकर मुस्लिमों को तालीम की राह पकड़ने के बारे में सोचना होगा। मीटिंग में जमियत के द्वारा सामाजिक एकता के लिए चलाये जा रहे सद्भावना संसद कार्यक्रम को सफल बनाने और 13 नवम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान पर प्रस्तावित जलसे की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई।


जमियत उलमा ए हिन्द के द्वारा शनिवार को सवेरे शहर के मौहल्ला खालापार में स्थित मस्जिद उमर खां में एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में मुख्य अतिथि जमियत उलमा ए हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की तरक्की केवल तालीम के रास्ते पर चलने से ही है। आज देश में जो हालात बने हैं, हमें सभी को मिलकर समाज को तालीम के बारे में सोचना होगा। इसके लिए उलेमाओं, बु(िजीवियों और साधन सम्पन्न लोगों को मिलकर कदम बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वे सभी अपने अपने स्तर से समाज को तालीम की राह पर लाने के लिए सामाजिक स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार करें। उनको जागरुक करते हुए काबिल युवाओं को तकनीकी और उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करें। मौलाना हकीमुद्दीन ने कहा कि जब तक मुसलमान अपना शैक्षिक स्तर ऊंचा उठाने के बारे में नहीं सोचेगा, तब तक शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी मुस्लिमों को विकास के लिए तसरना होगा। उन्होंने बताया कि सामाजिक एकता के लिए जमियत सद्भावना संसद कार्यक्रम कर रही है। यह प्रतिमाह हो रहे हैं और प्रत्येक जनपद को इससे जोड़ना है। मुजफ्फरनगर में भी सद्भावना संसद के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा आज बनाई गयी है। इसके साथ ही 13 नवम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रस्तावित इजलास को सफल बनाने के लिए भी दौरा किया जा रहा है। आज की मीटिंग में इस एजेंडे पर भी चर्चा की गयी है।


मौलाना हकीमुद्दीन ने कहा कि केन्द्र और राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था वाली सरकारें तो ऐसे में मुस्लिमों को सरकार से डरने की कोई भी जरूरत वह नहीं समझते हैं। यूपी में मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है। मुस्लिम सरकार का हर आदेश पालन कर रहा है। वह देश के नागरिक हैं। अपनी सरकारों से डरकर काम नहीं चलेगा। आपसी मोहब्बत और प्यार से ही देश आगे बढ़ेगा। जमियत का इतिहास रहा है कि उसने हमेशा देश के हित में काम किया। आजादी की जंग में उलेमाओं ने अपनी जान की कुर्बानियां पेश की। उन्होंने कहा कि आज देश में मॉब लिंचिंग बड़ी समस्या बनी हुई है। गुजरात के खेडा का प्रकरण उठाते हुए उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए कोई कानूनी मदद, मानवाधिकार जैसी संस्था नहीं आई। देश में अपराधी के भी अधिकार हैं, लेकिन आज ऐसा लगता है कि ऐसे आरोपियों के खिलाफ कोई कानून नहीं है और न ही कोई सजा है। कानून अपना काम करे, तो विश्वास कायम हो। मीटिंग में मुख्य रूप से जमियत के प्रदेश महासचिव मौलाना जाकिर कासमी, जिलाध्यक्ष मुफ्ति बिन यामीन सहित अन्य उलेमाओं ने भी अपने विचार पेश किये।

मीटिंग में मुख्य रूप से इस अवसर पर मुख्य रूप से मौलाना माज हसन, मौलाना आकिल, मौलाना इक़बाल, पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद सेक्रेटरी जमीअत उलमा पश्चिम उत्तर प्रदेश, मौलाना अरशद, मौलाना हामिद बागोंवाली, हाफिज गुलशेर, मुफ्ती इकबाल, डाक्टर जमालुद्दीन, हाफिज फुरकान असदी, कारी सादिक, कारी अब्दुल माजिद, हाफिज इकराम कारी आदिल, हाजी वसीम आलम, मौलाना गुलजार, मौलाना असजद, मुफ्ती अब्दुल समद, कारी नौशाद, मौलाना इसरार, मुफ्ती फाजिल, मौलाना कलीम, मौलाना हुसैन, कारी जाफर, मौलाना मूसा, मौलाना, मेहताब, मौलाना मुबश्शीर, हाजी शादाब, माशाल्ला एडवोकेट, हाजी गुलजार, मौलाना जाहिद आदि शामिल रहे।

सामाजिक एकता को 1000 सद्भावना संसद करेंगे उलमा


जमीयत उल्मा ए हिन्द ज़िला मुजफ्फर नगर की एक अहम बैठक में जमीयत उल्मा ए हिन्द के द्वारा चलाए जा रहे सद्भावना संसद पर चर्चा हुई । मुख्य अतिथि ने कहा कि पूरे देश में जमीयत ने 1000 सद्भावना संसद करने का जो निश्चय किया है उसके तहत पूरे देश में सद्भावना के प्रोग्राम्स का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में 29 अक्टूबर को दिल्ली में सद्भावना सम्मेलन प्रस्तावित है जो देश की एकता और अखंडता को बाकी रखने के में अहम रोल अदा करेगा। देशवासियों में प्रेम और आपसी भाईचारा बनाए रखना ही हमारा संकल्प है।

नशा मुक्त समाज बनाने पर काम कर रही जमियतः कारी जाकिर


जमीयत उल्मा उत्तर प्रदेश के सेक्रेट्री कारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी ने कहा कि नवंबर माह में जमीअत उलमा ए हिन्द का राष्ट्रीय महाअधिवेशन प्रस्तावित है जो दिल्ली में होगा। आज की मीटिंग में उसकी तैयारियों पर चर्चा करना भी अहम मुद्दा था। उन्होंने बताया कि जनपद मुजफ्फर नगर से राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने के लिए 200 बसे जाएंगी आज उसकी रूपरेखा बनाई गई है। कारी ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि नौजवानों को शिक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा। दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम जरूरी है, साथ ही नौजवानो को नशे की लत से बचाना और समाज में मेहनत कर नशा मुक्त समाज बनाना, नौजवानो को रोजगार से जोड़ना वक्त की जरूरत है। जमीयत इस पर निरंतर कार्य कर रही है और उल्माओ को इस ओर ज़्यादा ध्यान देकर इस पर काम करने की जरूरत है।

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