बच्चों के लिए कोविड टीके का सफल परीक्षण
दूसरी ओर भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च की शुरुआत में संकेत दिए कि भारत में बच्चों पर कोविड-19 टीके का असर आंकने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भारत बायोटेक ने भी केंद्र सरकार से 5 से 18 साल के बच्चों पर ‘कोवैक्सीन’ के परीक्षण की इजाजत मांगी है।
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जंग के बीच फाइजर-बायोएनटेक की ओर से विकसित कोविड-19 टीका बच्चों के लिए उपयुक्त पाया गया है। इजरायल में 12 से 16 साल के जिन 600 बच्चों को यह टीका लगाया गया, उनमें से कोई गंभीर साइडइफेक्ट नहीं उभरने से यह उम्मीद बंधी है कि कोविड टीकाकरण बच्चों के लिए सुरक्षित साबित हो सकता है।
इजराइल में कोरोना संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने वाली बीमारियों से जूझ रहे 600 बच्चों को फाइजर के कोविड-19 टीके की खुराक दी गई। इसमंे बच्चे में कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं मिले हैं। फाइजर कंपनी 12 से 15 साल के बच्चों पर अपने कोविड-19 टीके की आजमाइश में सफलता के बाद कंपनी जल्द पांच से 11 वर्ष के बच्चों पर भी परीक्षण शुरू कर सकती है। आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी छह साल से ऊपर के बच्चों पर एस्ट्राजेनेका की बनाई वैक्सीन को आजमाने की घोषणा की है। टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। अगले कुछ हफ्तों में 60 फीसदी से अधिक लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा। संक्रामक रोग विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी आबादी के कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर लेने पर देश में 'हर्ड इम्युनिटी' की शुरुआत हो सकती है। इससे वायरस खुद बेअसर होने लगेगा।
दूसरी ओर भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च की शुरुआत में संकेत दिए कि भारत में बच्चों पर कोविड-19 टीके का असर आंकने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भारत बायोटेक ने भी केंद्र सरकार से 5 से 18 साल के बच्चों पर 'कोवैक्सीन' के परीक्षण की इजाजत मांगी है। उसने वयस्कों पर तीसरे दौर के क्लीनिकल परीक्षण में टीके के 81 फीसदी प्रभावी होने का दावा किया है।