दुःसाहस: बेटी के अंगों को पोटली में भरा, लाश का हाल देख कांपे लोग

Update: 2025-02-23 06:52 GMT

उन्नाव- उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के औरास में 10 दिन से लापता इंटरमीडिएट की छात्रा की अपहरण के बाद हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। छात्रा की हत्या उसके पहले प्रेमी ने की थी। छात्रा के व्हाट्सएप नंबर पर दूसरे युवक की डीपी देखकर आरोपी आगबबूला हो गया था। हैदराबाद से आया, उसके बाद उसने 10 फरवरी को गांव से सात किलोमीटर दूर जंगल में छात्रा को मिलने के लिए बुलाया था। विवाद हुआ तो बहाने से उसे जंगल में ले गया। यहां गला दबाया, फिर चाकू से रेतकर भाग गया था। पुलिस ने आरोपी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। कातिल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। दरोगा और चार सिपाहियों ने ताल्ही गांव के जंगल और आसपास खेतों में छात्रा के अंग अवशेषों की तलाश की। पांच घंटे तलाश के बाद भी कुछ नहीं मिला। पुलिस ने बाल, हाथ, खोपड़ी व पसली के अवशेष एक पोटली में लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। डीएनए जांच के लिए सैंपल लिए गए। वहीं बेटी के अंगों की पोटली देख परिजन बिलख पड़े। थाना के कबरोई गांव निवासी होमगार्ड ह्रदय नारायण गौतम की बेटी उपासना (19) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। घटना में पुलिस को जंगल से कुछ अंग अवशेष मिले थे जबकि बाकी की तलाश के लिए तीसरे दिन भी पांच घंटे जंगल में तलाशी अभियान चला। सीओ के निर्देश पर शनिवार को एक दरोगा और चार सिपाहियों ने ताल्ही और लहरू गांव के बीच जंगल व आसपास खेतों में पांच घंटे तलाश कीकुछ न मिलने पर दोपहर को पूर्व में मिले अंग अवशेष एक पोटली में लेकर पुलिस पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और डीएनए जांच के लिए सैंपल सील कराए। अंग अवशेष छात्रा के ही हैं इसकी पुष्टि के लिए पुलिस माता-पिता के सैंपल से मिलान कराएगी। बेटी के अंगों की पोटली देख माता, पिता व अन्य परिजन बिलख पड़े। वहीं, जिला अस्पताल में भर्ती हत्यारोपी तौहीद की हालत में सुधार होने पर सुबह 8:30 बजे उसे छुट्टी दे दी गई। इसके बाद जेल भेजा है। वहीं, एसपी ने सीओ से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है। सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि कंकाल हो चुके अंग अवशेषों को दफन करा दिया गया है। मृतका अनुसूचित जाति की होने से सरकारी आर्थिक सहायता दिलाने प्रयास किया जा रहा है। तीन फरवरी को चंडीगढ़ से गांव आया, लेकिन वह नहीं मिली। 10 फरवरी को स्कूल जाने की बात पता चली तो उसे ताल्ही गांव के जंगल के पास मिलने के लिए बुलाया। सुबह करीब 10 बजे वहां आने पर उसने डीपी में लगे युवक का नाम प्रदीप और उससे प्यार करने की बात बताई। इस पर झगड़ा हुआ। उसे जंगल में ले गया। इसके बाद गला दबाया और फिर चाकू से रेतकर हत्या कर दी। शव, साइकिल व अन्य सामान वहीं छोड़कर भाग गया। मुठभेड़ में गिरफ्तार हत्यारोपी को अब जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीओ बांगरमऊ अरविंद चौरसिया ने बताया कि जिस दूसरे युवक का नाम सामने आया है, वह चंडीगढ़ में रहकर काम करता है। घटना वाले दिन से लेकर अब तक की उसकी लोकेशन वहीं की दिख रही है, फिलहाल उसे बुलाया गया है। एसपी दीपक भूकर ने बताया कि अभी तक की जांच में तौहीद ही आरोपी है। पूरे घटनाक्रम में थानाध्यक्ष की भूमिका की रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। लापता छात्रा का जंगल में बैग, यूनिफार्म व एक हाथ मिलने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि किसी धारदार हथियार से शव के कई टुकड़े करके अलग-अलग फेंका गया है। हालांकि पुलिस की जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सीओ अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि जहां छात्रा की हत्या की गई, वह बबूल का जंगल काफी घना है। शव को जंगली जानवरों ने नोचा है, इससे अंग अलग-अलग मिले हैं।  ताल्ही गांव के छह किलोमीटर के बबूल के जंगल में दूसरे दिन पुलिस ने परिजनों के साथ फिर कांबिंग की। शुक्रवार दोपहर 12 बजे सिर का कंकाल, पसली कुछ हड्डियां मिली हैं। जिस जगह गुरुवार को यूनिफार्म मिली थी वहीं, दूसरे दिन कंकाल मिलना भी सवाल खड़ा करता है। पुलिस ने कंकाल बन चुके सिर और हड्डियों को कब्जे में लिया है। अब अपहरण के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ाई गई है। हत्या करने के बाद आरोपी तौहीद 10 फरवरी को हैदराबाद में रहने वाले भाई तौसीफ के पास चला गया था। 12 को हैदराबाद पहुंचने के बाद छात्रा के पिता ने जब गुमशुदगी दर्ज कराई और युवक पर शक जताया तो 13 फरवरी को दोनों भाइयों को फिर पुलिस ने बुलवाया। 15 फरवरी को दोनों गोड़वा गांव आ गए, तभी पुलिस ने अपहरण की धारा बढ़ाई थी। 16 फरवरी को पुलिस ने दोनों भाइयों को थाने बुलाया था। बड़ा भाई तौशीफ घर चला गया था। आरोपी तौहीद को एक दिन और रात में पुलिस ने थाने में बैठाकर रखा। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के सीने में खरोंच के निशान थे लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। दूसरे दिन घर न छोड़ने की हिदायत देकर छोड़ा था। अगर पुलिस ने उसी समय पुलिसिया रुख अपनाया होता तो शायद उपासना का शव तो मिल ही जाता।



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