जयंत ने दिल से दिया साथ, शिखंडी ने लड़ाया सपा को चुनाव

पूर्व सांसद डॉ. संजीव बालियान ने सुधीर सैनी और विक्रम सैनी का किया बचाव, कहा-पार्टी के जयचन्द और विभीषण सभी चिन्हित प्रदेश हाईकमान जल्द करेगा अपना काम

Update: 2024-06-10 11:14 GMT

मुजफ्फरनगर। पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने मुजफ्फरनगर में भाजपा की हार को लेकर रालोद से गठबंधन के नफे नुकसान और पार्टी में भीतरघात को लेकर उठे सवालों का जवाब देते हुए मीडिया कर्मियों से कहा कि रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस चुनाव में पूरी तरह से दिल से उनका साथ दिया है, जबकि भाजपा के एक शिखंडी ने पूरी तरह से सपा के साथ लगकर सपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने का काम किया है। उन्होंने जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी और पूर्व विधायक विक्रम सैनी पर उठते सवालों से उनका बचाव करते हुए कहा कि पार्टी में कौन उनके खिलाफ जयचंद या विभीषण की भूमिका में रहा है, सभी को संगठन ने चिन्हित किया है। पार्टी हाईकमान जल्द इनके खिलाफ अपना काम करेगा।

पूर्व सांसद डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि रालोद के साथ गठबंधन का लाभ मिला है, वोट कम नहीं मिले हैं, जनता ने पूरी तरह से भाजपा का साथ दिया। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने चुनाव प्रचार के दौरान पूरे दिल से उनका साथ दिया और अपने संगठन से काम भी करवाया। वो पार्टी में गुटबाजी से इंकार नहीं कर सके। कहा कि 2019 में भी पार्टी के लोगों ने उनका विरोध किया था, लेकिन वो अजित सिंह के सामने इस विरोध के बाजवूद भी चुनाव जीते थे। इस बार भी विरोध हुआ, लेकिन संगठन के जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी और पूर्व विधायक विक्रम सैनी पर उठते सवालों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत की है। उन दोनों से उनको कोई दिक्कत नहीं हुई, दिल से उनके लिए काम किया है।

मढकरीमपुर में पथराव के बाद भी उनको जनता ने वोट ज्यादा दी है। इससे साफ पता चलता है कि वो झगड़ा प्रायोजित था। उन्होंने कहा कि सुधीर और विक्रम में यदि अपना कोई व्यक्तिगत विवाद है तो वो उनके चुनाव को बीच में न लायें। उन्होंने संगीत सोम द्वारा किये गये विरोध पर कहा कि भाजपा के शिखंडी ने सपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने का काम किया है। इस हार में शामिल रहे शिखंडी, जयचन्दों और विभीषणों की पूरी लिस्ट संगठन ने तैयार की है। उस पर प्रदेश हाईकमान को काम करना है, जल्द ही वो काम कर लिया जायेगा। आज पूरण सिंह विरोध कर रहे हैं, कोरोना में उनका इलाज मैंने ही करवाया था।

दस साल में मैंने दो भाई खोये, किसी रिश्तेदार को आगे नहीं बढ़ाया

पूर्व सांसद संजीव बालियान ने पार्टी से लेकर अन्य पदों पर अपनी पसंद के लोगों को आगे बढ़ाने के कारण बनी नाराजगी के सवाल पर कहा कि उनका एक भी रिश्तेदार किसी पद पर नहीं हैं। जिला सहकारी बैंक में सभापति बने रामनाथ ठाकुर संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष मेरे बचपन से भाजपा में रहकर सेवा और राजनीति कर रहे हैं, लोकसभा प्रभारी बनाये गये देवव्रत त्यागी पुराने भाजपाई हैं। गौरव स्वरूप सपा से भाजपा में आये और पार्टी ने उनको चेयरमैनी लड़ाने का निर्णय लिया। ये सभी अलग अलग क्षेत्रों से आये हैं और पार्टी में दूसरे दलों से आये नेताओं को शीर्ष नेतृत्व सम्मान देता रहा है। इसमें मेरी क्या भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन दस सालों में मैंने कोरोना के कारण अपने दो भाइयों को खोया जरूर है, लेकिन कभी किसी रिश्तेदार को आगे नहीं बढ़ाया। 

राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर में सफल रहे, लेकिन मोदी को आने से नहीं रोक सके

मुजफ्फरनगर। पूर्व सांसद संजीव बालियान ने अपनी हार को लेकर कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए बड़ा काम किया है, लेकिन फिर भी किसान नेता राकेश टिकैत सरकार के खिलाफ काम करते रहे। मुजफ्फरनगर सीट पर तो वो सफल रहे, लेकिन देश में मोदी जी को आने से नहीं रोक सके। संजीव बालियान ने कहा कि अपने दस साल के कार्यकाल में उन्होंने पार्टी और सरकार का प्रोटोकोल केवल किसानों के हितों के लिए तोड़ने का काम किया है। 2017 में जब यूपी में भाजपा की सरकार बनी तो किसानों पर सपा सरकार के कार्यकाल के नलकूपों के बिजली बिल आधे किये गये और पिछले एक साल से पूरे बिल माफ किये जा रहे हैं। हर मुद्दे पर किसानों के साथ आकर अपनी ही सरकार में आवाज उठाई। एक ही दिन में गन्ना किसानों को शुगर मिलों से 300 करोड़ का भुगतान कराया। आईपीएल गु्रप से चीनी मिल खरीदवाई। नलकूपों के कनेक्शन के लिए बने डार्क जोन की पाबंदी हमने अपनी सरकार में हटवायी। जाट वोटों को लेकर उन्होंने कहा कि गठवाला और बालियान खाप के वोट का ट्रेंड नहीं बदला। 2019 की भांति ही वोट मिला है, इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ राकेश टिकैत के साथ ही जातिगत सभी ठेकेदार कामयाब रहे। लेकिन ये लोग मोदी सरकार बनने से नहीं रोक सके। इनको याद रखना होगा कि अभी केन्द्र में भी मेरी और प्रदेश में भी मेरी ही सरकार है। 

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