MUZAFFARNAGAR-बिछड़े भोलों का बड़ा सहारा बन रहा कंट्रोल रूम

कांवड़ कंट्रोल रूम का खोया पाया केन्द्र अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए भोला कांवड़िया के लिए बड़ा मददगार बनकर सामने आया है।

Update: 2024-07-30 10:15 GMT

मुजफ्फरनगर। कांवड़ यात्रा में भीड़ ने सभी व्यवस्थाओं को अपने आप में समेट लिया है। अत्याधिक भीड़ बढ़ने के कारण किसी का सामान गुम हो रहा है तो कोई अपने परिजनों से बिछड़ रहा है। ऐसे में कांवड़ कंट्रोल रूम का खोया पाया केन्द्र अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए भोला कांवड़िया के लिए बड़ा मददगार बनकर सामने आया है।


मेरठ की रहने वाली मीणा देवी ने अपने परिजनों के साथ हरिद्वार से गंगाजल उठाया था। वो कांवड़ लेकर पैदल मुजफ्फरनगर पहुंची तो यहां रास्ते में मीणा देवी की कांवड़ खंडित हो गई। अपनी तपस्या के धूमिल हो जाने से परेशान इस महिला कांवड़िया ने शिव चौक स्थित कंट्रोल रूम से सम्पर्क कर अपनी व्यथा बताई तो कंट्रोल रूम की टीम ने महिला कांवड़िया के लिए पृथक से गंगाजल का बंदोबस्त कराकर उसको खुशी खुशी आगे की यात्रा पर रवाना किया।


पालिका के लिपिक और कंट्रोल रूम के उदघोषक तनवीर आलम ने बताया कि मुहाना निवासी एक कांवड़िया अशोक का बैग रास्ते में कहीं गुम हो गया। उसने कंट्रोल रूम से सम्पर्क किया तो पुलिस की मदद से बैग तलाश कर बरामद कराया और अशोक के सुपुर्द किया। सभी सामान सही मिलने पर अशोक ने टीम की सराहना की। मेरठ जनपद के माधोपुरम निवासी कांवड़िया चिराग की भी कांवड़ खंडित होने पर अलग से गंगाजल मंगाकर उपलब्ध कराया गया। कंट्रोल रूम की खोया पाया टीम ने 10 साल के अक्षय भोला को उसके पिता से मिलवाया, तो वहीं सोमवार की रात अपनों से बिछड़े बडौत निवासी भोला अंशुल को कंट्रोल रूम ने उसके पिता को तलाश कराकर मिलवाने का काम किया। तनवीर आलम ने बताया कि रोजमर्रा सौ से ज्यादा शिकायत कंट्रोल रूम को प्राप्त हो रही हैं, जिनका विभिन्न टीमों के माध्यम से त्वरित निस्तारण कराया जा रहा है। 

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