मेरठ में 48 दिन पहले बुर्के में मिली महिला की लाश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस रहस्य से पर्दा उठाते हुए बताया कि मृतका नईमा यासमीन सैकिया की हत्या उसके पति शहजाद ने अपने दोस्त नदीम के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
शहजाद मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल का रहने वाला है और वहीं की एक मस्जिद में इमाम है। वह पहले से शादीशुदा है और उसके तीन बच्चे हैं। अपनी पहली पत्नी और बच्चों को मेरठ में एक घर में रखकर, शहजाद नईमा के साथ किराए पर रह रहा था। जब नईमा को उसकी पहली शादी के बारे में पता चला, तो दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे।
इसी विवाद के चलते शहजाद ने अपनी दूसरी पत्नी नईमा को रास्ते से हटाने की साजिश रच दी। पुलिस के अनुसार, वह नईमा को शॉपिंग के बहाने मेरठ ले आया, फिर दोस्त नदीम के साथ गंगनहर किनारे ले जाकर गला रेत दिया और शव को खेतों में फेंक दिया। हत्या के बाद शहजाद ने पुलिस को गुमराह करने के लिए नईमा की गुमशुदगी की रिपोर्ट मुजफ्फरनगर में दर्ज कराई।
17 सितंबर को मेरठ के सिवालखास इलाके में गंगनहर पटरी के पास एक बुर्के में महिला का शव मिला था। उस समय उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। पोस्टमॉर्टम में गला रेतकर हत्या की पुष्टि हुई थी। बाद में जब मुजफ्फरनगर पुलिस ने नईमा की गुमशुदगी का फोटो साझा किया, तो शव की पहचान नईमा यासमीन सैकिया के रूप में हुई।
पुलिस जांच में पता चला कि नईमा असम के डिब्रूगढ़ की रहने वाली थी और तलाकशुदा थी। सोशल मीडिया पर उसकी मुलाकात शहजाद से हुई थी, जिसने खुद को कपड़ों का कारोबारी बताया और अपनी शादी की सच्चाई छिपा ली। कुछ समय बाद दोनों ने निकाह कर लिया। लेकिन जब नईमा को असलियत का पता चला, तो विवाद गहराता गया और आखिरकार उसकी जान चली गई।
मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि हत्याकांड की जांच के लिए दो विशेष टीमें बनाई गई थीं। आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस अब मामले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका भी खंगाल रही है।






