काठमांडू: नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ छिड़ा विरोध अब हिंसक रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडू में हजारों युवाओं ने संसद भवन की ओर मार्च किया और पुलिस से भिड़ गए। हालात इतने बिगड़े कि सुरक्षा बलों ने फायरिंग की, जिसमें 16 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार ने सेना को तैनात करने का फैसला लिया।
इस विरोध का नेतृत्व नेपाल की नई पीढ़ी यानी जेनरेशन Z (1997–2012 के बीच जन्मे युवा) कर रही है। अब तक यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं माना जा रहा।
मामला तब शुरू हुआ जब नेपाल सरकार ने 2023 में सोशल मीडिया कंपनियों के लिए गाइडलाइन जारी की थी और विदेशी ऐप्स को अनिवार्य पंजीकरण का आदेश दिया था। लेकिन अधिकांश कंपनियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने 5 सितंबर 2025 को 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
युवाओं ने इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया और “हम नेपाल” नामक संगठन के बैनर तले आंदोलन का आह्वान किया। शुरुआत में सरकार को लगा कि विरोध सामान्य रहेगा, लेकिन बड़ी संख्या में युवाओं के सड़क पर उतरने और पुलिस से सीधी भिड़ंत ने हालात को विस्फोटक बना दिया।
फिलहाल, काठमांडू के अलावा यह आंदोलन अन्य शहरों में भी फैलने लगा है, जिससे नेपाल की राजनीतिक स्थिरता पर बड़ा संकट मंडरा रहा है।