कर्मचारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगामी दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के बीएमएम (ब्लॉक मिशन प्रबंधक) और अन्य कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार के तहत हड़ताल शुरू की है। उनकी मांगों में मुख्य रूप से रविवार की छुट्टी और मानदेय को नियमित करने और बढ़ाने की मांग शामिल है। इस हड़ताल के कारण मिशन का कामकाज ठप हो गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यरत ब्लॉक मिशन मैनेजर और जिला मिशन मैनेजर समेत समस्त स्टाफ ने बुधवार से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार की शुरुआत कर दी है। यह आंदोलन जिले के विकास भवन प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है, जहां जिले और ब्लॉकों से जुड़े सभी कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि बीते 11 वर्षों से उनके मानदेय में कोई वृ(ि नहीं की गई है, जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत नीति को तत्काल प्रभाव से लागू करने की भी मांग की है। विकास भवन पर धरने पर बैठे मिशन कर्मचारियों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर कहा गया कि 11 वर्षों से अटकी मानदेय वृ(ि को तत्काल लागू किया जाए, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पारित नीति को लागू किया जाए, सभी कर्मचारियों को बीमा, मेडिकल सुविधाएं, यात्रा भत्ता और स्थानांतरण की सुविधा दी जाए और एनआरएलएम के सभी पदों पर नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी नियुक्ति की जाए।
कार्य बहिष्कार के चलते जिले भर में एनआरएलएम के अंतर्गत चल रही योजनाओं और महिलाओं के स्व-सहायता समूहों से जुड़े कार्यों पर असर पड़ने की आशंका है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर वो आंदोलन को जारी रखेंगे। जिला स्तर पर विरोध कर रहे कर्मचारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगामी दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार की उपेक्षा उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है।






