हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले योग साधना आश्रम बघरा के पीठाधीश्वर पर पुलिस ने कसा शिकंजा
मुज़फ्फरनगर। जिले में धार्मिक और साम्प्रदायिक मुद्दों पर अपनी मुखर बयानबाज़ी के लिए चर्चित स्वामी यशवीर महाराज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पुलिस प्रशासन ने उन्हें विवादित बयान देने से रोकने के लिए औपचारिक नोटिस जारी किया है। साथ ही उनकी सुरक्षा में तैनात गनर को भी वापस बुला लिया गया है। प्रशासन का कहना है कि महाराज के बयानों से क्षेत्र की शांति व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। वहीं कहा जा रहा है कि स्वामी यशवीर महाराज ने पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज होकर सुरक्षा के लिए दिया गया गनर भी वापस लौटा दिया है।
तितावी थाना क्षेत्र से जुड़ी यह कार्रवाई उस समय चर्चा में आई, जब योग साधना आश्रम बघरा के पीठाधीश्वर स्वामी यशवीर महाराज को पुलिस की ओर से औपचारिक नोटिस भेजा गया। नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि वे भविष्य में किसी भी प्रकार के विवादास्पद या साम्प्रदायिक बयान से बचें, अन्यथा उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी। पुलिस के इस नोटिस की खबर से सनसनी फैल गई है।
बताया जा रहा है कि तितावी पुलिस ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब हाल के महीनों में स्वामी यशवीर महाराज ने सोशल मीडिया पर लगातार कई विवादित बयान जारी किए, जिनसे समुदायों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बनी रही। प्रशासन का कहना है कि इन बयानों से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है, इसलिए अब कड़ा रुख अपनाया गया है।
स्वामी यशवीर महाराज पहली बार सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट को लेकर मुद्दा उठाया था। इसके बाद उन्होंने ष्लव जिहादष्, ष्मूत्र जिहादष् और ष्थूक जिहादष् जैसे विवादास्पद विषयों पर बयान देकर कई बार पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती पैदा की। उन पर कई पंचायतों के आयोजन और वहां से उत्तेजक भाषण देने के आरोप भी लग चुके हैं। प्रशासन का कहना है कि इन घटनाओं से स्थानीय कानून व्यवस्था पर दबाव बढ़ा और शांति व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल होता गया।
हाल ही में कार्तिक गंगा स्नान मेले के दौरान जब प्रशासन ने उन्हें दूसरे समुदाय के लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण बयान देने से रोका और निरीक्षण स्थल तक जाने से रोका, तो स्वामी यशवीर महाराज रास्ते में ही धरने पर बैठ गए। इस घटना के बाद स्थिति को संभालने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ समय पहले स्वामी यशवीर महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की थी। इस दौरान खिंची उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं। इसे लेकर भी प्रशासनिक हलकों में चर्चा रही कि धार्मिक और राजनीतिक सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं।
तितावी थानाध्यक्ष की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि प्रायः देखा जाता है कि जब भी कोई संवेदनशील या साम्प्रदायिक मामला सामने आता है, स्वामी यशवीर महाराज सोशल मीडिया पर विवादास्पद बयान जारी करते हैं, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की प्रबल संभावना रहती है। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर भविष्य में ऐसी कोई गतिविधि दोहराई गई, तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरी कार्रवाई पर रोष है और स्वामी यशवीर महाराज के अनुयायी इसे प्रशासनिक दबाव की राजनीति बता रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि यह कदम केवल शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उठाया गया है। मुज़फ्फरनगर में यह मामला एक बार फिर धार्मिक बयानों की सीमाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच खींची जा रही रेखा को उजागर करता है। प्रशासन का सख्त रुख साफ संकेत देता है कि अब कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई से कोई परहेज़ नहीं किया जाएगा।
पुलिस-प्रशासन ने दबाव में दिया नोटिस, अफसर खामोश नहीं करा पायेंगे
मुजफ्फरनगर। पुलिस की इस कार्यवाही के बाद स्वामी यशवीर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें उनके द्वारा कहा जा रहा है कि सनातन धर्म के लोगों अभी कुछ देर पहले आश्रम में पुलिस आई थी, जो एक नोटिस देकर गई है। इसमें लिखा है कि आप समय समय पर ऐसे बयान देते हैं, जिससे सौहार्द बिगड़ता है, भविष्य में ऐसा कोई व्यक्तव्य न दें, नहीं तो हमें आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनी पड़ेगी।
मैं पुलिस प्रशासन से ही यह पूछना चाहता हूं कि इस नोटिस में ये क्यों नहीं लिखा गया कि हमने कौन सा विवादित बयान दिया है। हमने आवाज उठाई थी कि बहुत बड़ी संख्या में थूक, मूत्र जिहादी गैंग हमारे देवी देवताओं के नाम का बोर्ड लगाकर होटल ढाबे, चाय व जूस की दुकान चलाते हैं और वो हिंदुओं के भोजन में थूक-मूत्र का घृणित कार्य करता है। जब हमने ये आवाज उठाई तो हमारे आरोप पुलिस प्रशासन के द्वारा ही सही पाई गई थी और कार्यवाही भी हुई थी। इसके अलावा जब भी कोई हिंदु परिवार पीड़ित होता है, उसकी समस्या पर सभी जाने के बाद भी समस्या दूर नहीं होती तो वो आश्रम में आता है तो हम उसकी आवाज बनकर बोलते हैं, उसकी समस्या दूर होती है, तो क्या ये अपराध है।
स्वामी ने कहा कि सनातन धर्म के लोगों पर यदि किसी जिहादी का कोई गलत कार्य होगा तो हम उसके खिलाफ आवाज उठायेंगे। पुलिस प्रशासन से मैं ये कहना चाहता हूं कि हमने आज ही बोलना नहीं सीखा, पूर्व की सरकारों में भी आवाज उठाई, सत्य बोलने पर हमने झूठे मुकदमे झेले है और जेल भी जाना पड़ा है। स्वामी ने सनातन धर्म के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये केवल नोटिस नहीं है, अब मेरे खिलाफ पुलिस प्रशासन और भी कार्यवाही कर सकता है, मुकदमे हो सकते हैं, जेल जाना पड़ सकता है, लेकिन मैं नहीं डरता, फांसी और गोली से मरना वीरों की निशानी है। हम सनातन धर्म के संन्यासी और प्रचारक हैं, शरीर में खून की एक बूंद रहने तक यह संघर्ष जारी रखूंगा। समाज जानता है कि यह नोटिस किन लोगों के इशारे पर दिया गया है। पुलिस प्रशासन दबाव में कानूनी कार्यवाही भी कर सकता है। समाज की आवाज बना रहूंगा। धर्म की रक्षा का रास्ता नहीं छोडूंगा। इस नोटिस के डर से मैं चुप नहीं रहूंगा।






