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केजरीवाल से क्यों घबराई सरकार, 2-3 दिन में होंगे गिरफ्तार!

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस के सामने किया दावा, कहा-दिल्ली में लोकसभा चुनाव में आप के गठबंधन से भाजपा घबराई हुई है

केजरीवाल से क्यों घबराई सरकार, 2-3 दिन में होंगे गिरफ्तार!
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले के धन संशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय गिरफ्तार कर सकती है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने इसकी जानकारी देते हुए दावा किया है। सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा कि हमें जानकारी है कि अगले दो से तीन दिनों में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सवाल ये है कि केंद्र सरकार इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के लोग भी हैं हमें बता रहे हैं कि अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है, तो अरविंद केजरीवाल को जेल हो जाए और अगर हम उन्हें बाहर देखना चाहते हैं तो एक ही रास्ता है कि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन का हिस्सा न बनें। आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा बहुत घबराई हुई है। उसे लगता है कि अगर आप और कांग्रेस एक साथ आ गए, जहां भी गठबंधन बनेगा। जिस भी राज्य में गठबंधन होगा। भाजपा के लिए सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा। उसके लिए सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा। इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर आप सांसद संदीप पाठक, सौरभ भारद्वाज और अतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। संदीप पाठक ने बताया कि सभी घोषणाएं एक साथ होंगे। चर्चा अंतिम चरण में है। मुझे यकीन है कि घोषणा जल्द ही की जाएगी। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के दावे ने दिल्ली में एक बार फिर से सियासी पारा बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि आप नेताओं को मैसेज आया है। जिसमें इंडिया गठबंधन छोड़ने को कहा गया है। गठबंधन करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी गई है। दो दिन में सीबीआई का नोटिस आ सकता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी की साजिश रची जा रही है।


मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा से कहना चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल और हम इनकी जेल भेजने की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। अगर ये श्आपश् के सभी नेताओं और विधायकों को भी जेल में डाल देंगे तो आप का एक-एक कार्यकर्ता नेता के तौर पर खड़ा हो जाएगा और देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करेंगे। प्रवर्तन निदेशालय ने आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सातवीं बार नया समन जारी किया। इससे पहले छठा समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होना था। लेकिन केजरीवाल उस समन पर पेश नहीं हुए थे। उन्होंने कहा था कि अभी मामला कोर्ट में चल रहा है। इसलिए ईडी कोर्ट के फैसले का इंतजार करे।

इससे पहले भी ईडी छह समन भेज चुकी है, जिसे मुख्यमंत्री ने नजरअंदाज कर दिया था। ईडी ने 19 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को केजरीवाल को समन भेजा था, लेकिन दिल्ली सीएम पेश नहीं हुए थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय को दिए जवाब में पूछा कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया।

17 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वीडियो कान्फ्रेंस से अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि वे दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद मार्च में शारीरिक रूप से पेश होंगे। इसके बाद अदालत ने आश्वासन को स्वीकार करते हुए सुनवाई 16 मार्च तय कर दी। अदालत ने उन्हें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ जारी समन का पालन न करने पर तलब किया था। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गड़बड़ी के चलते शराब नीति को रद्द कर दिया था और सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ईडी ने भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मामला दर्ज किया था।

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