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RAMLEELA---श्री राम ने लक्ष्मण संग किया ताड़का का वध

श्री आदर्श रामलीला भवन में आग बरसाती राक्षसी को देखकर सहम गये बच्चे और महिलाएं, ममता मोह में विवश राजा दशरथ को राज)षि विश्वामित्र ने याद दिलाई रघुकुल की रीत

RAMLEELA---श्री राम ने लक्ष्मण संग किया ताड़का का वध
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मुजफ्फरनगर। स्थानीय कलाकारों द्वारा स्थापित और संचालित श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर के द्वारा आयोजित 48वें श्री रामलीला महोत्सव में चैथे दिन ताड़का वध एवं फुलवारी लीला का सुन्दर और ताड़का राक्षसी के भयभीत स्वरूप के साथ रोमांचकारी मंचन किया गया। कलाकारों ने ताड़का वध की लीला को अपने उत्कृष्ट अभियन प्रदर्शन से जीवंत बना दिया। भगवान श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण के साथ मिलकर एक ही बाण से राक्षसी ताड़का का वध किया तो पूरा प्रांगण जय श्रीराम के जयघोष से गुंजायमान हो गया। ताड़का वध की लीला देखने के लिए लोगों में इतना उत्साह और रोमांच था कि आसपास के ग्रामीण अंचलों से भी लोग यहां पर ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर आये थे। रामलीला महोत्सव में भारी भीड़ उमड़ने के तमाम व्यवस्था भी बौनी साबित हो रही थी। राजा दशरथ और राज)षि विश्वामित्र के बीच संवाद का सराहनीय मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों की प्रशंसा हासिल की। इसके साथ ही समर्पित दर्शक पुरस्कार घोषित कर विजेता को सम्मानित किया गया।


श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के तत्वाधान में पटेलनगर में आयोजित हो रहे श्री रामलीला मंचन महोत्सव में चैथे दिन की लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि सीए शीतल जैन, अमर चन्द जैन और अभिषेक सिंघल सपत्नीक ने भगवान श्री गणेश की आरती और दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके पश्चात सुहाउ और मारीच के दरबार और )षि विश्वामित्र के आश्रम में पहुंचकर राक्षसों के आतंक मचाने की लीला का मंचन हुआ। इस बीच ताड़का वध लीला का अद्भुत और रोमांचकारी मंचन देख दर्शक आनंदमयी हो गये। राक्षस राज सुहाव और मारीच के साथ ही राक्षसी ताड़का के आतंक से त्राहिमाम जनता और साधु संतों की पीड़ा लेकर जब राज)षि विश्वामित्र अयोध्या में राजा दशरथ से मदद मांगने पहुंचते हैं तो विश्वामित्र के द्वारा किशोर श्री राम और उनके अनुज लक्ष्मण की मांग करने पर प्रजापालक राजा दशरथ ममता मोह में अपने पुत्रों को जंगल में राक्षसों संग यु( लड़ने भेजने को तैयार नहीं होते। इसको लेकर राजा दशरथ और विश्वामित्र के बीच गहरा संवाद दर्शकों को खूब भाया।


राजा की विवशता और इंकार के बाद क्रोधित होकर लौटते )षि विश्वामित्र को गुरू वशिष्ठ रोकते हैं और उनके आग्रह पर राजा दशरथ अपने दोनों पुत्रों को उनके साथ राक्षकों का दमन करने के लिए भेजने को तैयार हो जाते हैं। इसके बाद अचानक ही रामलीला मंचन स्थल पर अंधेरा छा जाता है और तीव्र शोर के बीच आग बरसाती राक्षसी ताड़का प्रकट हो जाती है। ताड़का को रौद्र रूप और तांडव देखकर दर्शक दीर्घा में मौजूद महिलाएं और बच्चे भयभीत हो उठते हैं। ताड़का अपने भयावह स्वरूप से सभी को भयभीत करते हुए मंच तक पहंुचती है। इसी बीच भगवान श्री राम लक्ष्मण के साथ मिलकर ताड़का से यु( करते हुए एक ही बाण से उसका अंत कर मानवजाति को उसके प्रकोप से बचाते हैं। ताड़का का अंत होते ही उजाला हो जाता है और भारी भीड़ के रूप में मौजूद दर्शकों से भरा पूरा ग्राउंड जय श्रीराम का जयघोष कर आकाश गंूजायमान कर देता है। इसके साथ ही फलवारी लीला का भी सुंदर मंचन कलाकारों के द्वारा किया गया। राजा दशरथ का अभिनय गोविन्द शर्मा, विश्वामित्र विपिन मोहन अन्नु, गुरू वशिष्ठ राजेन्द्र कुमार, ताड़का जितेन्द्र उपाध्याय, भगवान श्रीराम पंकज शर्मा, लक्ष्मण यश गर्ग, सुमन जी जितेन्द्र छोटू, सुहाउ विवेक गर्ग और मारीच का अभिनय देवेन्द्र पतला ने बहुत ही सुन्दर ढंग से निभाया।


श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन ने बताया कि यह रामलीला मंच स्थानीय कलाकारों द्वारा स्थापित और संचालित हैं। उनके परिवार से तीसरी पीढ़ी इस कला में योगदान दे रही है। वो स्वयं अभिनय कर चुके हैं और इस साल उनके पौत्र ने भी मंचीय लीला प्रस्तुत की। कार्यक्रम संयोजक पूर्व सभासद विकल्प जैन ने बताया कि स्वर्गीय रामेश्वर दयाल और रवि मित्तल जैसे कलाकारों ने इस मंच की स्थापना 1976 में की। उनके बाद से लगातार स्थानीय कलाकार ही कला की इस ज्योत को जलाये हुए हैं। वो स्वयं इस कला मंच के कलाकार रह चुके है। वानर सेना के रूप में वो मंचीय लीला में शामिल हुए और भगवान श्रीराम के अलावा अन्य रामलीला पात्रों के स्वरूप का अभियान कर चुके हैं। अब दूसरे युवा कलाकार इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे है। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी में अपनी कला संस्कृति के प्रति आकर्षण पैदा करना है। समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों को पटका और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही समर्पित दर्शक पुरस्कार योजना में लक्की ड्रा में मीना ऐरन विजेता रहीं, जिनको सभासद सीमा जैन की ओर से चांदी का सिक्का देकर सम्मानित किया गया।


रामलीला समिति के अध्यक्ष गोपाल चैधरी, मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, प्रमोद गुप्ता, धर्मेंद्र पंवार नीटू, मुख्य निर्देशक विजय मित्तल, पंकज शर्मा, निर्देशक अमित भारद्वाज, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन, ज्योति ऐरन, कामिनी भारद्वाज, मीना ऐरन, कन्दर्प ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश बंसल, अनिल गोयल, राकेश मित्तल, अंकुशल गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, अनुराग अग्रवाल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।

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