लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने कुल लगभग सवा करोड़ डुप्लीकेट वोटरों की पहचान की है, जिन्हें सूची से हटाया जाएगा।
यह कार्रवाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक की मदद से संभव हुई है। एआई ने अलग-अलग ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों को खंगालते हुए उन लोगों को चिह्नित किया है, जिनके नाम एक से अधिक जगह दर्ज थे। कहीं सरनेम आगे-पीछे कर, तो कहीं उम्र या लिंग बदलकर नाम दोहराए गए थे।
जिलाधिकारियों को मिले सख्त निर्देश
निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर इन चिह्नित नामों का भौतिक सत्यापन करें। सत्यापन के दौरान आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र भी जांचे जाएंगे।
जिन लोगों के नाम दो ग्राम पंचायतों में पाए जाएंगे, उन्हें सूची से हटाया जाएगा। हालांकि शहरी निकायों और पंचायत दोनों जगह नाम होने की स्थिति में केवल शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी।
अप्रैल-मई में चुनाव की तैयारी
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2025 में प्रस्तावित हैं। फिलहाल राज्य में करीब 12 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। आयोग ने बिहार की तर्ज पर सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है, ताकि मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सके।
29 सितंबर तक हटेंगे डुप्लीकेट नाम
आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि यह अभियान 29 सितंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाए। इस प्रक्रिया में बीएलओ, सुपरवाइजर और एसडीएम आपसी समन्वय के साथ काम करेंगे।