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KANWAR YATRA-पंडित वैष्णो ढाबा पर ‘गोपाल’ निकला तजम्मुल

मुजफ्फरनगर। कांवड़ यात्रा मार्ग पर नई मंडी कोतवाली क्षेत्र में स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबे पर पहचान अभियान को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पहचान प्रकरण में नया खुलासा सामने आया है। जिस युवक की धार्मिक पहचान को लेकर पेंट उतारने के प्रयास से यह विवाद शुरू हुआ था, उसने खुद को गोपाल बताया था, लेकिन आधार कार्ड से उसकी असली पहचान तजम्मुल के रूप में हुई है।

बता दें कि योग साधना आश्रम बघरा के संचालक स्वामी यशवीर महाराज बीते छह दिन पहले कुछ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली-दून हाईवे पर रथेड़ी के समीप स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबे पर पहुंचे थे। वहाँ उन्होंने कर्मचारियों की धार्मिक पहचान को लेकर पूछताछ की थी। इस दौरान ढाबे के मैनेजर धर्मेंद्र भारद्वाज निवासी रामपुर तिराहा ने ढाबे के मालिक के रूप में खतौली निवासी सनव्वर का नाम लिया था। आरोप है कि धर्मेंद्र ने पहचान को लेकर सच बताया तो उसके साथ ढाबे पर मारपीट की गई। घटना के समय मेरठ निवासी ढाबा मालिक दीक्षा शर्मा भी मौजूद थीं। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने दीक्षा शर्मा, सनव्वर, उसका बेटा आदिल, साथी जुबैर व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

इससे पुलिस पुलिस ने ढाबे पर एक कर्मचारी की धार्मिक पहचान के लिए उसकी पेंट उतारने के आरोप में कार्यवाही की और ढाबे पर पहुंचकर कर्मचारियों की पहचान करने वाले हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नोटिस जारी किए हैं। इससे संगठनों में रोष फैल गया है। नोटिस प्राप्त करने वालों में सुमित बजरंगी दतियाना, राकेश, रोहित त्यागी उत्तर रामपुरी, विवेक आनंदपुरी, सुमित सुभाष नगर, सनी बचन सिंह कॉलोनी शामिल हैं। पुलिस की ओर से पूछताछ में यह जानकारी की जा रही है कि वे किस अधिकार से ढाबे पर कर्मचारियों के पहचान पत्र जांचने पहुंचे थे।

संयुक्त हिंदू मोर्चा ने इस कार्रवाई को कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बताया है। संगठन के पदाधिकारियों ने बैठक कर आंदोलन की चेतावनी दी है। यशवीर महाराज ने भी कहा कि अगर उत्पीड़न नहीं रुका तो आंदोलन किया जाएगा। विवाद के बीच गुरुवार को संयुक्त हिंदू मोर्चा के पदाधिकारी लोकेश सैनी व अन्य कार्यकर्ता फिर हाईवे पर स्थित ढाबों पर कर्मचारियों की पहचान जांचने पहुंचे। इसी बीच प्रकरण में नया खुलासा हुआ कि ढाबे पर पेंट उतारकर पहचान कराने के लिए जबरदस्ती करने का आरोप लगाने वाला कर्मचारी गोपाल भी बहरूपिया निकला। आधार कार्ड से इस कर्मचारी की पहचान हुई तो गोपाल अब तजम्मुल के रूप में सामने आया। पूछताछ में तजम्मुल ने बताया कि ढाबा संचालक सनव्वर ने ही उसे नाम बदलकर काम करने को कहा था। हिंदूवादी नेताओं ने मामले में कार्यवाही करने की मांग की है। नई मंडी कोतवाली पुलिस का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। आरोपी पक्ष की तलाश की जा रही है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि सनव्वर ढाबे का ठेकेदार है, मालिक दीक्षा शर्मा ही है।

नरेश टिकैत बोले-डीजे और डाक कांवड़ पर लगे प्रतिबंध

मुजफ्फरनगर। कावड़ यात्रा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और खाप चौधरी नरेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक एकता का प्रतीक है, जिसमें हर धर्म के लोग मिलजुल कर कावड़ियों की सेवा करते हैं।

नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में अपने भाई राकेश टिकैत के आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि डीजे और डाक कावड़ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनसे शांति भंग होती है और कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। टिकैत ने कहा कि डीजे कावड़ की आवाज और ऊंचाई पर सीमा तय होनी चाहिए। तेज लाइट और तेज आवाज से दिल के मरीजों को परेशानी होती है। डीजे कावड़ में किसी भी धर्म या जाति के खिलाफ गाने नहीं बजने चाहिए। कावड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह का झगड़ा या विवाद न हो।

टिकैत ने कहा कि जो कावड़ यात्री लड़ाई-झगड़ा करता है, उसकी कावड़ खंडित मानी जाती है। उन्होंने मुस्लिम समाज की भूमिका को भी सराहा और पुरकाजी नगर पालिका अध्यक्ष जहीर फारूकी का नाम लेते हुए कहा कि वो मुसलमान होकर भी कावड़ यात्रा में सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुसलमान हिंदुओं के नाम से होटल चला रहा है, तो यह हिंदू धर्म के प्रति उसकी आस्था का प्रतीक है, धार्मिक आयोजनों को लेकर किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और प्रशासन को चाहिए कि वह डीजे व डाक कावड़ पर सख्त निगरानी रखे। 

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