Home » National » सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी: हिमाचल पर “प्रकृति नाराज़ है, पूरा राज्य नक्शे से गायब हो सकता है”

सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी: हिमाचल पर “प्रकृति नाराज़ है, पूरा राज्य नक्शे से गायब हो सकता है”

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय संकट पर जताई गई चिंता, जजों की टिप्पणी और बाढ़-भूस्खलन से प्रभावित पहाड़ी इलाका।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते पर्यावरणीय संकट पर कड़ी टिप्पणी की है। न्यायालय ने कहा कि राज्य में मानव गतिविधियों के कारण हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं और यदि स्थिति इसी तरह जारी रही, तो आने वाले समय में हिमाचल का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है।

यह टिप्पणी उस समय आई जब प्रिस्टिन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य सरकार के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी, जिसमें शिमला स्थित श्री तारा माता हिल को ‘ग्रीन एरिया’ घोषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए सरकार के फैसले को सही ठहराया और मामले को हिमाचल के बिगड़ते पर्यावरणीय हालात से जोड़कर गंभीर चिंता जताई।

इसे भी पढ़ें:  साध्वी प्रज्ञा सहित सभी सात आरोपी कोर्ट से बरी, जानें पूरी कहानी

न्यायालय ने कहा कि राज्य में वर्षों से असंतुलित विकास और लापरवाह पर्यावरणीय नीतियों के कारण प्राकृतिक आपदाएँ लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन ने सैकड़ों जानें लीं और बड़ी संख्या में घर-परिसंपत्ति नष्ट कर दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि:

  • अनियंत्रित हाइड्रो प्रोजेक्ट्स ने नदियों के बहाव को प्रभावित किया है।

  • टनल और हाईवे चौड़ीकरण के लिए पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई से ढलान अस्थिर हो गए हैं।

  • सतलुज जैसी बड़ी नदियाँ अब केवल नाले की तरह दिखाई देने लगी हैं।

  • जलीय जीवन लगातार खत्म होता जा रहा है।

इसे भी पढ़ें:  शिखर धवन को ईडी ने किया तलब.... गैरकानूनी बेटिंग एप मामले में पूछताछ 

जजों ने साफ कहा कि राजस्व पर्यावरण और पारिस्थितिकी की कीमत पर नहीं कमाया जा सकता। उन्होंने हिमाचल सरकार को निर्देश दिया कि एक समयबद्ध हलफनामा दायर कर यह बताए कि:

  1. नदियों और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स का नियमन कैसे होगा

  2. पर्यावरणीय बहाव (Environmental Flow) के नियमों का पालन किस तरह सुनिश्चित किया जाएगा

  3. वनों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम कब उठाए जाएंगे

इसे भी पढ़ें:  गुजरात से शुरू हुई मारुति की पहली इलेक्ट्रिक SUV, PM मोदी ने किया लॉन्च

कोर्ट ने यह भी दोहराया कि प्रकृति की सुरक्षा कोई विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता है।

इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ने सुओ मोटो (स्वप्रेरित) जनहित याचिका में बदल दिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हिमाचल की पारिस्थितिकीय सुरक्षा अब न्यायालय की निगरानी में होगी। अदालत ने चेतावनी दी कि विकास की दौड़ अगर प्रकृति की कीमत पर जारी रही, तो राज्य और देश दोनों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

Also Read This

छठ घाट बनाने के दौरान गंगा में डूबे चार मासूम गांव में मातम

भागलपुर- घटना की सूचना मिलते ही इस्माइलपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से पूछताछ की। वहींए गोपालपुर के निर्दलीय प्रत्याशी गोपाल मंडल भी अस्पताल पहुंचे और शोक संतप्त परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियों के बीच भागलपुर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। नवगछिया अनुमंडल के इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के नवटोलिया गांव में छठ घाट बनाने के दौरान गंगा नदी में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के अनुसारए सोमवार की दोपहर गांव के कुछ बच्चे गंगा किनारे छठ घाट तैयार करने पहुंचे थे। घाट

Read More »

जात-पात देश की गुलामी का कारण रहा: सीएम योगी 

लखीमपुर खीरी- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम पर आयोजित स्मृति प्राकट्योत्सव मेले में शिरकत की। उन्होंने कबीरदास के जीवन पर प्रकाश डाला। जात.पात पर प्रहार करते हुए समाज को एकजुटता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम पर पहुंचे। उन्होंने यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एकजुटता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कबीरदास ने जातीयता पर प्रहार किया। जाति की विसंगितयों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा था कि जात.पात पूछे ना कोईए हरि को भजे सो हरि का होइ। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात.पात देश की गुलामी का कारण रहा था। जाति के

Read More »

आज़म ख़ान का दर्द: “रात 3 बजे उठाया गया, लगा एनकाउंटर होने वाला है”

सपा नेता आज़म ख़ान ने कपिल सिब्बल के पॉडकास्ट में जेल बदलने के दौरान एनकाउंटर के डर, जोहर यूनिवर्सिटी विवाद और 94 मुकदमों के दर्दनाक अनुभव साझा किए।

Read More »

आवारा कुत्तों पर अधिकतर राज्यों ने नहीं दिए हलफनामे, मुख्य सचिवों को पेश होने का आदेश

नई दिल्ली – 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले पर सुनवाई की थी, तब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हलफनामे दाखिल करने के लिए कहा गया था। हालांकि, सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली महानगरपालिका ने ही इस आदेश का पालन किया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के मामले स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को होने वाली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया। दरअसल, कोर्ट ने पाया कि आवारा कुत्तों की समस्या पर नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अधिकतर राज्यों ने अब तक हलफनामे

Read More »

मुरादाबाद में तीन मंजिला रेस्टोरेंट में भीषण आग, 5 गैस सिलेंडर फटे; एक महिला की मौत, 10 से अधिक झुलसे

मुरादाबाद के कटघर क्षेत्र में रविवार रात तीन मंजिला रेस्टोरेंट में अचानक आग लग गई। पांच गैस सिलेंडर फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया। हादसे में मालिक की मां की मौत और 10 से अधिक लोग झुलसे।

Read More »