चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन भारत के लिए अहम साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए बिना किसी देश का नाम लिए सीमापार आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाया। दिलचस्प बात यह रही कि संगठन के साझा बयान में भी वही बात दोहराई गई। 10 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षरित इस घोषणा पत्र में पहलगाम हमले की निंदा की गई और दोषियों को सजा दिलाने की मांग रखी गई।
साझा घोषणा पत्र की 10 मुख्य बातें इस प्रकार रहीं:
1. 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले की कड़ी आलोचना करते हुए मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की गई। साथ ही, हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाने की अपील की गई।
2. सदस्य देशों ने गाजा पट्टी में नागरिकों की मौत और मानवीय त्रासदी पर चिंता जताई और तुरंत, स्थायी युद्धविराम तथा राहत सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करने पर बल दिया।
3. जून 2025 में ईरान पर अमेरिका और इजरायल के हमले की निंदा की गई। इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया गया और कहा गया कि इससे वैश्विक शांति को खतरा है।
4. संगठन ने आतंकवाद और नशे से मुक्त, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के निर्माण की प्रतिबद्धता दोहराई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन किया।
5. सदस्य देशों ने परमाणु हथियारों के अप्रसार संधि के पालन की पुष्टि की और वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण को आगे बढ़ाने की बात कही। साथ ही शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
6. एकतरफा टैरिफ और आर्थिक दबाव जैसे कदमों का विरोध किया गया, जिन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष व्यापार के लिए नुकसानदेह बताया गया।
7. सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई और स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद पर दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं हैं। सीमा पार हमलों सहित आतंकी संगठनों से लड़ने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया गया।
8. सदस्य देशों ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिकता और स्वतंत्रता का सम्मान करने का संकल्प लिया तथा दोहरे मानकों और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध किया।
9. ड्रग्स, हथियारों और अंतरराष्ट्रीय अपराध के खिलाफ साझा लड़ाई जारी रखने की बात कही गई।
10. घोषणा पत्र में बहुपक्षीय सहयोग, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई गई।