दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। देर रात हथिनी कुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से कुल मिलाकर करीब 3.3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद राजधानी में बाढ़ की आशंका और प्रबल हो गई है।
जानकारी के अनुसार, रात लगभग 12 बजे हथिनी कुंड बैराज से 2,29,834 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसी दौरान वजीराबाद से 56,640 क्यूसेक और ओखला बैराज से 60,189 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। एहतियात के तौर पर दिल्ली के लोहे का पुल (लोहे वाला ब्रिज) पर यातायात को आज से रोक दिया गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि मंगलवार देर रात छोड़ा गया पानी, एक दिन पहले छोड़े गए 3 लाख क्यूसेक से भी ज्यादा है। ऐसे में विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यमुना किनारे बसे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति किसी भी वक्त बन सकती है।
इस समय पुराना रेलवे ब्रिज (ORB) पर जलस्तर 205.29 मीटर दर्ज किया गया है, जो पहले से ही खतरे के स्तर के बेहद करीब है। जैसे ही तीनों बैराज से छोड़ा गया पानी यहां पहुंचेगा, स्थिति और गंभीर हो सकती है और कई कॉलोनियां प्रभावित हो सकती हैं।
कब माना जाता है खतरे का स्तर?
दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 204.50 मीटर से ऊपर जाने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है। अगर पानी का स्तर 205.33 मीटर को पार कर जाए, तो उसे खतरे का स्तर माना जाता है। इस सीमा से ऊपर जाने पर राजधानी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।