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नकली दवा प्रकरणः पत्नी के नाम लाइसेंस, व्हाटसएप पर दवा करोबार

आगरा के सिंडीकेट के पिता-पुत्र और गांधी कालोनी के कारोबारी सहित चार नामजद, नकली दवा कारोबार के घिनौने खेल का पर्दाफाश।

मुजफ्फरनगर। 22 अगस्त को आगरा में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की नकली दवाइयों का जखीरा बरामद होने पर पूरे देश में हलचल मच गई। शुरूआत से ही माना जा रहा था कि इस सिंडीकेट का गहरा रिश्ता मुजफ्फरनगर से भी है, अब यहां पर भी साढ़े करोड़ रुपये की नकली दवाईयों की पूरी खेप को बाजार में खपाने का खुलासा हुआ है, ये कारोबार इतने शातिर तरीके से किया गया कि किसी को पतान चले। गिरफ्तार दवा करोबारी तरूण गिरधर ने अपनी पत्नी के नाम फर्म का लाइसेंस लिया और कार्य स्थल घर को ही बनाया।
बस्ती मंडल के सहायक आयुक्त औषधि नरेश मोहन दीपक, सहारनपुर मंडल की सहायक आयुक्त औषधि दीपा लाल और औषधि निरीक्षक मुजफ्फरनगर पवन कुमार शाक्य ने शासन की गोपनीय सूचना पर पूरे साक्ष्यों के साथ उत्तरी गांधी कालोनी की गली नम्बर 13 में तरूण गिरधर पुत्र स्व. सुरेन्द्र गिरधर के आवास पर छापा मारा तो नकली दवा कारोबार के इस घिनौने खेल का पर्दाफाश हुआ।
औषधि निरीक्षक मुजफ्फरनगर पवन कुमार शाक्य ने नई मंडी थाने में एक विस्तृत तहरीर देकर पूरे खेल से पर्दा उठाया है। जांच और शिकायत के अनुसार तरूण गिरधर ने साल 2018 में अपनी पत्नी नितिका के नाम से आयुष मेडिकोज के रूप में औषधि विभाग से लाइसेंस प्राप्त किया और घर के ही एक कमरे को कार्यस्थल घोषित किया। पत्नी से पूछताछ की गई तो पता चला कि नितिका ने कभी भी दवा का कारोबार नहीं किया और न ही उसको कोई अनुभव है। तरूण ही उसके नाम पर फर्म चला रहा था। वो केवल गृहणी के तौर पर बच्चों की परवरिश और घरेलू कार्य में व्यस्त रही।

36 प्रतिशत नेट लैस पर तरूण को आगरा से मिली दवाइयां

तरूण गिरधर के आयुष मेडिकोज पर छापे के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त ने 7 सितम्बर को टीम गठित की थी और टीम ने 8 सितम्बर को टीम ने यहां पहुंचकर अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी, जो 9 सितम्बर की रात साढ़े दस बजे तक दो चरणों में चली। देर रात तरूण को दवाइयों का अवैध कारोबार करने के साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तार कर मंडी पुलिस को सौंप दिया गया। टीम के अनुसार तरूण ने अपना लैपटॉप तोड़ दिया था, उसको और खरीद बिक्री के दस्तावेज को जब्त किया गया है। टीम को उसके आयुष मेडिकोज कार्य स्थल से कोई दवा का भंडार या बिक्री का माल नहीं मिला है। जो कार्य स्थल बताया गया, वहां पर बच्चे की साइकिल, स्कूटी और घर का अन्य सामान भंडारित पाया गया। तरूण ने पूछताछ में टीम को बताया कि वो आगरा की बंसल मेडिकोज, जाम मेडिको और एमएसवी मेडीप्वाइंट से दवा खरीद रहा था। उसको इनके यहां से दवाइयां 36 प्रतिशत नेट लैस पर मिलती हैं, जबकि कंपनियों के अधिकृत स्टाकिस्ट से ये दवाई 28 प्रतिशत नेट लैस पर मिलती हैं, ज्यादा प्रोफिट होने के कारण उसने दवाईयों की खरीद की और व्हाटसएप पर ही उसका सारा कारोबार चलता है।
चार महीनों में खरीदी 3.30 करोड़ की नकली दवा
औषधि निरीक्षण पवन शाक्य की शिकायत के अनुसार आयुष मेडिकोज के तरूण गिरधर के द्वारा 01 अपै्रल से 09 सितम्बर 2025 तक 03 करोड़ 57 लाख 28 हजार 35 रुपये की दवाइयां खरीदी हैं। इनमें से 03 करोड़ 30 लाख 01 हजार 747 रुपये की दवाइयां काउंटर फिट यानि नकली थीं। स्टॉक में 03 करोड़ 35 लाख 91 हजार 612 की दवाइयों को दर्शाया गया है, लेकिन मौके पर कुछ भी नहीं मिला। ये दवाइयां तरूण ने गैर कानूनी तौर पर बाजार में सप्लाई की हैं। तरूण ने जिन ब्रांड कंपनियों की नकली दवाईयों का कारोबार किया, उनमें उसने आगरा से वेटरिन 8 और 16 एमजी, रोजोवास 10 एमजी और एलेग्रा 120 एमजी बड़े पैमाने पर खरीदी हैं। इसके अलावा तरूण ने अन्य क्षेत्रों से भी दवा खरीदी, इनमें सेनोफी कंपनी की ऐलग्रा टैबलेट का नमूना जांच के लिए 25 अगस्त के छापे में लिया गया था, जो नकली पाई गई। इसकी 60 स्ट्रिप जो उस समय तरूण के पास छोड़ी गई थी, जब्त कर ली गई।

जिला परिषद् की आशुतोष फार्मा तक कार्यवाही की तपिश
मुजफ्फरनगर। तरूण गिरधर की गिरफ्तारी की कार्यवाही तपिश गांधी कालोनी के साथ ही जिला परिषद् तक पहुुंची है। डीआई पवन शाक्य ने बताया कि उत्तरी गांधी कालोनी की गली नम्बर 13 में ही रहने वाले राहुल कुमार पुत्र अशोक कुमार के साथ दवा कारोबार में तरूण गिरधर पार्टनर है। राहुल कुमार द्वारा जिला परिषद् के प्रथम तल पर दुकान नम्बर 71 में आशुतोष फार्मा के नाम से दवा का थोक कारोबार किया जा रहा है। बताया कि तरूण ने राहुल को कूटरचित साजिश के तहत फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिया था, जिसके आधार पर लाइसेंस लिया गया। बताया कि जांच में खुलासा होने पर विभागीय स्तर पर आयुष मेडिकोज और आशुतोष फार्मा का लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
इस प्रकरण में तरूण गिरधर को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि तरूण के साथ ही बंसल मेडिकोज आगरा के मालिक संजय बंसल पुत्र एसपी बंसल, ताज मेडिको के मालिक मुकेश बंसल पुत्र जगदीश प्रसाद बंसल और इस पूरे सिंडीकेट के मास्टर माइंड तथा मुख्य आरोपी एमएसवी मेडी प्वाइंट आगरा के डायरेक्टर सोहित बंसल पुत्र मुकेश बंसल निवासीगण नामनेर आगरा के खिलाफ नई मंडी थाने में सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इन तीनों के खिलाफ आगरा में तीन मुकदमे पहले से दर्ज हैं।

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