उज्ज्वल राणा की मौत से उबल पड़ा बुढ़ाना, डीएवी कॉलेज बंद, गेट पर छात्रों का धरना, पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर जनपद के बुढ़ाना में डीएवी डिग्री कॉलेज के बाहर सोमवार को माहौल तनावपूर्ण हो गया जब छात्र उज्ज्वल राणा की मौत के विरोध में छात्रों ने कॉलेज गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। परिजनों के दिल्ली से उज्जवल के शव लेकर धरना स्थल पर पहुंचने से माहौल और अधिक गमगीन हो गया। कॉलेज गेट पर ताला डालकर बंद कर दिया गया है। सामाजिक और राजनीतिक दलों के नेताओं ने पहुंचकर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।

डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना के छात्र उज्ज्वल राणा की मौत के बाद कॉलेज परिसर में सोमवार को छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। गुस्साए छात्रों ने कॉलेज गेट पर धरना शुरू कर दिया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन फीस के लिए उज्ज्वल राणा पर लगातार दबाव बना रहा था। उसको परीक्षा में बैठने की अनुमति भी प्राचार्य ने नहीं दी। पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने शिकायत के बाद भी मदद नहीं की। पुलिस कर्मियों ने कॉलेज आकर उसको धमकाया और मानसिक उत्पीड़न कियां। इसी गंभीर उत्पीड़न से तंग आकर उज्ज्वल ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। गंभीर हालत में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार देर रात उसकी मौत हो गई।

सोमवार सुबह सैंकड़ों की संख्या में छात्र और छात्राएं कॉलेज गेट पर पहुंचे और न्याय की मांग करते हुए धरने पर बैठ गये। उनको लोगों का भरपूर साथ मिला और कुछ ही देर में वहां पर हजारों ग्रामीण नेताओं के साथ जुट गये। दोपहर के बाद उज्ज्वल के परिजन जब दिल्ली से उसका शव लेकर लौटे, तो सीधे डीएवी कॉलेज गेट पर पहुंच गए। वहां पहले से मौजूद छात्र और सामाजिक संगठनों के बीच उन्होंने शव रखकर धरना शुरू कर दिया। धरना स्थल पर छात्रों और परिजनों की आंखें नम थीं, जबकि प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी गूंजती रही। धरना स्थल पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत, सपा विधायक पंकज मलिक, जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गठवाला खाप के चौधरी राजेन्द्र मलिक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख समेत कई सामाजिक और राजनीतिक नेता पहुंचे। सभी ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यह केवल एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि शिक्षा संस्थानों की संवेदनहीनता का परिणाम है। नेताओं ने आरोप लगाया कि उज्ज्वल की बहन सलोनी राणा की पहली तहरीर को बदल दिया गया और हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। किसी भी आरोपी का नाम शामिल नहीं किया गया। अब जब मामला गर्माया, तब पुलिस जांच की बात कर रही है।

धरना प्रदर्शन के दौरान किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए कॉलेज परिसर और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। स्थानीय प्रशासन ने छात्रों से शांत रहने की अपील की और मामले की जांच तेज करने का आश्वासन दिया। एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल ने बताया कि पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच उच्च स्तर पर कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने मांग की है कि कॉलेज प्रशासन पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच कराई जाए, फीस वसूली की पूरी प्रक्रिया की ऑडिट हो, और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा। उज्ज्वल राणा की मौत ने न केवल बुढ़ाना, बल्कि पूरे जनपद में शिक्षा संस्थानों के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उज्जवल इस अन्याय के खिलाफ खुद तो आत्मदाह कर चिर निद्रा में सो गया, लेकिन वो इंसानियत को जगाकर चला गया। वो अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने की जिम्मेदारी दे गया। छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन को जिले भर में फैलाया जाएगा।






