भावलिंगी संत विमर्श सागर महामुनिराज के सानिध्य में मेहता क्लब में हुआ शुभारंभ, सांसारिक कल्याण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बड़ी संख्या में पूजन करने उमड़े जैन समाज के श्रद्धालु
मुजफ्फरनगर। नई मंडी स्थित मेहता क्लब में रविवार को आध्यात्मिक उत्साह और धार्मिक भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। परम पूज्य भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर महामुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में आयोजित श्री कल्पद्रुम महा मण्डल विधान में मुख्य रूप से नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप, सभासद सीमा जैन ने नगर के अनेक श्रद्धालुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ भाग लेकर मुनिराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।

मेहता क्लब परिसर सुबह से ही जैन धर्म के पावन मंत्रोच्चार, स्तोत्र पाठ और भक्तिमय अनुष्ठानों की गूंज से अनुप्राणित हो उठा। परम पूज्य भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर महामुनिराज के निर्देशन में प्रारंभ हुए श्री कल्पद्रुम महा मण्डल विधान में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और धर्म लाभ अर्जित किया। विधान के दौरान संतों ने जीवन में संयम, करुणा और आत्म शुद्धि के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक अनुष्ठान न केवल व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक होते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं।

कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप, सभासद सीमा जैन, विकल्प जैन ने अन्य श्रद्धालुओं के साथ मुनिराज को नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों और श्रद्धालुओं का स्वागत एवं सत्कार किया। नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने महामुनिराज के सानिध्य में आयोजित इस विधान को नगर के लिए शुभ और कल्याणकारी बताया। उन्होंने सभी के लिए शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना करते हुए विधान के सभी चरणों में सहभागिता की। मेहता क्लब में धार्मिक आयोजन को लेकर दिन भर आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति का माहौल बना रहा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीए शीतल जैन, पंकज जैन, अमित जैन एडवोकेट, जितेन्द्र उर्फ टोनी जैन, अशोक जैन, सचिन जैन, विपिन जैन, विकास कुमार जैन, पंकज कुमार, अनिल जैन, त्रिशला जैन, संगीता जैन, अर्जुन जैन, प्रमोद जैन और पिंकी जैन सहित श्री दिगम्बर जैन साधु सेवा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। समिति पदाधिकारियों ने बताया कि इस धार्मिक कार्यक्रम का विधिवत समापन 30 नवंबर को भव्य रूप से किया जायेगा। इसमें उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से भी जैन समाज के श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं।





