14 साल पहले मर चुके व्यक्ति और उसके भाई के नाम से जमानत के फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कोर्ट में पेश की थी तस्दीक रिपोर्ट, चार महीने तक जामिनान तलाशती रही पुलिस
मुजफ्फरनगर। फर्जी जमानत दिलाने के सनसनीखेज खेल का पर्दाफाश करते हुए खतौली पुलिस ने शातिर लुटेरे नीरज बाबा और उसके अधिवक्ता योगेन्द्र कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि बाबा की जमानत 14 साल पहले मर चुके व्यक्ति के नाम पर तैयार किए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराई गई थी, इसमें पुलिस ने अधिवक्ता की मिलीभगत और आपराधिक नेटवर्क की गहराई दोनों को उजागर करने का दावा करते हुए कानूनी कार्यवाही की है। यह पहली बार है कि फर्जी जमानत के मामले में पुलिस की ओर से अपराधी के अधिवक्ता पर भी नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पिछले दिनों गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध शातिर लुटेरे किस्म के कुख्यात बदमाश नीरज उर्फ बाबा उर्फ चीता उर्फ पंडित पुत्र ओमपाल निवासी ग्राम अट्टा चिन्दौडी, मेरठ की लूट के मुकदमे में फर्जी जमानत कराये जाने का पर्दाफाश पुलिस जांच में किया गया था। इस मामले में सालों तक कोर्ट में आरोपी और जमानती के न पहुंचने पर न्यायालय ने जांच के आदेश दिए थे। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने जांच की तो पता चला कि एक जमानती की 14 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी हैं, जबकि वर्ष 2022 में उसको जमानती बना दिया गया और उसके भाई को भी जमानती बनाकर उनके फर्जी पते के दस्तावेज लगाते हुए जमानत करा ली गई थी।
2022 में जमानत के बाद गायब हो गया बाबा, जारी हुए थे एनबीडब्ल्यू
इसके बाद अब पुलिस ने शातिर बदमाश नीरज बाबा और उसकी फर्जी जमानत कराने के आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की है। खतौली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश चन्द्र बघेल ने थाना सिविल लाइन में तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें इंस्पेक्टर दिनेश बघेल ने बताया कि साल 2017 में भंगेला चौक पोस्ट के पास हुई लूट की एक वारदात के मामले में आरोपी नीरज बाबा के खिलाफ खतौली थाने में दर्ज मुकदमे से जुड़ा वाद संख्या 1334/2022 एडीजे-4 के न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है। इस वाद में नीरज बाबा जमानत के बाद कोर्ट में लंबे समय से पेश नहीं हुआ। इसको लेकर न्यायाधीश ने 14 जुलाई 2025 को नीरज बाबा के एनबीडब्ल्यू जारी करते हुए उसकी जमानत कराने वाले दो सगे भाइयों प्रताप सिंह और विलखराम पुत्रगण सगवा सिंह निवासी मौहल्ला गगन विहार हस्तिनापुर जनपद मेरठ को नोटिस जारी करने के आदेश दिये थे। पांच अगस्त सुनवाई की अगली तिथि तय की गई थी।
पुलिस को गांव चिन्दौड़ी में नही मिला बाबा, संपत्ति बेचकर हो गया फरार
कोर्ट पैराकार सिपाही द्वारा 25 जुलाई को कोर्ट से नोटिस प्राप्त किये और थाने में तामील कराये गये। इसके साथ ही पुलिस ने नीरज बाबा और उसके जामिनान की तलाश शुरू कर दी थी। इंस्पेक्टर दिनेश बघेल के अनुसार एनबीडब्ल्यू और नोटिस उप निरीक्ष्ज्ञक रामवीर सिंह को सौ।पकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। उप निरीक्षक ने अपनी आख्या दी, जिसमें बताया गया कि नीरज ग्राम अट्टा चिन्दौड़ी में निवास नहीं करता है, वो 10-12 साल पूर्व अपनी चल अचल संपत्ति बेचकर गांव से चला गया है। इसके लिए ग्राम चिन्दौडी की ग्राम प्रधान रजनी ने भी लिखित में यह जानकारी पुलिस को दी, वहीं हस्तिनापुर में गगन विहार नाम का कोई भी मौहल्ला या बस्ती वजूद में नहीं मिली, जिससे जामिनान का पता तस्दीक हो पाता।
जामिनान का पता भी निकला फर्जी, तलाशने में पुलिस को छूटे पसीने
इंस्पेक्टर दिनेश बघेल ने एसआई रामवीर की आख्या के बावजूद उप निरीक्षक प्रताप सिंह सोलंकी को जामिनान प्रताप सिंह व विलखराम के पते तस्दीक कराने की जांच सौंपी गई। एसआई प्रताप सोलंकी ने स्थलीय पड़ताल की तो उनको भी जानकारी मिली कि हस्तिनापुर में गगन विहार नाम का मौहल्ला नहीं है। इसके लिए नगर पंचायत हस्तिनापुर से भी लिखित साक्ष्य प्राप्त किया गया। इसके बाद पुलिस ने जामिनान की फर्द की गहन पड़ताल की तो उसमें ग्राम कौल हस्तिनापुर दर्ज पाये जाने पर गांव में पहुंचकर दरोगा ने लेखपाल सचिन सैनी से जानकारी हासिल की, तो पता चला कि प्रताप सिंह और उनका भाई विलखराम ग्राम तिगरी थाना मवाना के रहने वाले है। संयोग से विलखराम का पुत्र विनय तोमर लेखपाल का परिचित निकला। विनय का मोबाइल नम्बर लेखपाल सचिन ने दरोगा प्रताप सोलंकी को उपलब्ध कराया। इस पर बात करने पर विनय ने बताया कि विलखराम उनके पिता और प्रताप सिंह उनके ताऊ हैं। विनय ने बताया कि नीरज बाबा की जमानत कराने की बात उसकी जानकारी में नहीं है, उसके ताऊ प्रताप सिंह का निधन 15 अगस्त 2008 में हो चुका है और पिता की आयु भी करीब 75 वर्ष है। इससे पता चला कि 2008 में मर चुके प्रताप सिंह के नाम पर 14 साल बाद 2022 में शातिर नीरज बाबा की फर्जी जमानत कराई गई।
हस्तिनापुर थाने में नहीं मिला जमानत तस्दीक का रिकॉर्ड, फर्जी बनाये दस्तावेज
इंस्पेक्टर दिनेश बघेल ने अपनी तहरीर में बताया कि जामिनान का पता चलने के बाद थाना हस्तिनापुर मेरठ में टीम भेजकर जामिनान तस्दीक रजिस्टर की जांच की गई। थाना प्रभारी हस्तिनापुर ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा कि नीरज बाबा की जमानत थाने से तस्दीक नहीं की गई है। कोर्ट में प्रस्तुत थाना जमानत तस्दीक रिपोर्ट में जो प्रपत्र व मुहर का प्रयोग किया गया है, वो कूटरचित साजिश से बनवाई गई। इंस्पेक्टर बघेल का आरोप है कि नीरज बाबा की जमानत कराने के लिए उनके अधिवक्ता योगेन्द्र कुमार एडवोकेट द्वारा फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए जमानत तस्दीक आख्या 07 अक्टूबर 2022 को एडीजे-4 के न्यायालय में प्रस्तुत की थी। जिसके आधार पर कोर्ट द्वारा नीरज बाबा को जमानत पर रिहा किया गया था। इंस्पेक्टर बघेल का आरोप है कि अधिवक्ता योगेन्द्र कुमार ने अपने पक्षकार नीरज बाबा के साथ मिलकर फर्जी कूटरचित दस्तावेज और मोहरें तैयार कर न्यायालय को गुमराह किया और जमानत कराई। थाना सिविल लाइन प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि प्रकरण में तहरीर के आधार पर नीरज बाबा और योगेन्द्र कुमार एडवोकेट के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 471, 467, 468 और 420 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करते हुए कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है।
नीरज बाबा पर इस मुमदमे में लगी थी गैंगस्टर, हाईवे पर की थी लूट!
मुजफ्फरनगर। मन्सूरपुर थाना क्षेत्र के गांव पुरबालियान निवासी सोनू कुमार पुत्र सुरेन्द्र सिंह ने थाना खतौली में 07 अगस्त 2017 को तहरीर देते हुए पुलिस को बताया था कि 6 अगस्त की रात को वह अपनी कार संख्या यूपी 12 एक्यू 2090 में सवार होकर मुजफ्फरनगर से मेरठ जा रहा था। जब वह करीब साढ़े नौ बजे भंगेला चौक पोस्ट से थोड़ा आगे निकला तो लघु शंका के लिए उसने गाड़ी को सड़क किनारे रोका और उतरकर जब सोनू लघु शंका से निवृत होकर वापस कार की तरफ आया तो देखा कि उसकी कार के आगे एक स्विफ्ट डिजायर कार को खड़ी करके चार युवक वहां मौजूद हैं। उन्होंने तमंचा दिखाकर सोनू को उसकी ही कार में बंद कर लिया। कुछ आगे जाकर बदमाश सोनू को सुनसान सड़क पर छोड़कर कार लूटकर फरार हो गये। कुछ दूर पैदल चलने के बाद वो भूनी चौक पर स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचा, जो मेरठ जनपद में लगती है। वहां पुलिस कर्मियों को लूट की वारदात की जानकारी दी थी। इसके बाद खतौली में मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में नीरज बाबा पर पुलिस ने लूट के साथ ही डकैती की धारा आईपीसी 395 भी बढ़ाई और






