पुरकाजी में विधवा महिला का हिंदूवादी नेता ने किया उत्पीड़न
पहले किराये पर दुकान लेकर किया कब्जा, नौ महीने से किराया नहीं दिया, मांगा तो धमकाया, महिला ने बच्चों संग दुकान पर दिया धरना तो समझौते के नाम पर विधवा से लिए 50 हजार
मुजफ्फरनगर। एक तथाकथित हिंदूवादी नेता के द्वारा हिंदू विधवा महिला की दुकान पर पहले किरायेदार बनकर अवैध कब्जा किया गया और नौ महीने से किराया नहीं दिया गया, मांगा तो धमकाया और जब विधवा ने साहस दिखाकर इस नेता के खिलाफ मोर्चा खोल परिवार सहित दुकान में धरना दिया तो सामाजिक समझौते के नाम पर इस हिंदूवादी नेता ने विधवा से बतौर मुआवजा 50 हजार रुपये की रकम भी हड़प कर ली।
पुरकाजी मैन बाजार में विधवा नीलम सिंघल ने अपनी दुकान खुद को हिंदूवादी नेता बताने वाले अमित कश्यप को 11 महीने के लिए किराए पर दी थी। 3 महीने बाद ही अमित कश्यप ने दुकान का किराया तोड़-तोड़कर देना शुरू किया और अब कई महीनो से ना तो किराया देता था और ना दुकान खाली कर रहा था। 11 महीने का एग्रीमेंट खत्म हुए भी लगभग 7 माह बीत गए थे। नीलम सिंघल का एक नाबालिग लड़का वासु है, उसके और परिवार के पालन पोषण का जरिया ये ही दुकान थी। गत दिवस नीलम सिंघल अपने परिवार सहित इस दुकान में आकर धरना देकर बैठ गई थी। अमित कश्यप ने पहले तो हिंदूवादी नेता होने के कारण अपनी नेतागिरी का रौब दिखाया और खुद को भाजपा का ओर एक कैबिनेट मंत्री का खास बताकर विधवा को परिवार सहित दुकान से भगाना चाहा, लेकिन विधवा महिला के साहस के आगे उसका सारा रौब धरा रह गया। विधवा रजनी सिंघल ने आरोप लगाया कि अमित कश्यप हमारी दुकान पर अवैध कब्जा कर रहा है, मेरी और मेरे बेटे की कभी भी हत्या कर सकता है। अमित कश्यप ने अवैध कब्जा किया है और इसका साथी विपिन गोयल हमारी दुकान सस्ते पैसों में खरीदना चाहता है।
विधवा रजनी सिंघल की बेटी ने भी अमित कश्यप और उसके साथ दुकान पर कब्जा करवाने वाले विपिन गोयल पर आरोप लागते हुए कहा कि ये खुद को हिंदूवादी नेता बताते हैं और एक हिंदू विधवा की दुकान पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। हमने प्रशासन में सबको जाकर अपनी पीड़ा बताई लेकिन कोई अधिकारी हमारा साथ नहीं दे रहा है। आरोप है कि इनकी सिफारिश में भाजपा नेता प्रशासन पर दबाव बनाते हैं, क्या हमने इन तथाकथित हिंदूवादी नेताओं की इसी गुंडागर्दी के लिए भाजपा को वोट दी थी। विधवा के पुत्र वासु सिंघल ने कहा कि अमित कश्यप, विपीन गोयल और नदीम गौड नाम के ये लोग भाजपा में घुसकर संपत्तियों पर अवैध कब्जे के रहें हैं। झगड़े की प्रोपर्टी खरीदते हैं। भाजपा की आड़ में अपने अवैध धंधे के रहे हैं। रजनी सिंघल के साथ इन हिदूवादियों के खिलाफ उसकी तीनों लड़कियां और तीनों दामाद अपनी दुकान पर धरने पर बैठ गए। जिस पर हड़कम्प मच गया। पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों में समझौते का प्रयास किया। मगर बात नहीं बन पाई। देर रात अमित कश्यप ने दुकान खाली करने के नाम पर तीन लाख रुपए की मांग विधवा महिला से की।
बताया गया कि इसके बाद संदीप, आकाश व सनी की मध्यस्थता के चलते 50 हजार रुपए वसूलकर अमित कश्यप ने विधवा रजनी सिंघल की दुकान खाली कर दी और 9 महीने का उसका किराया भी नहीं दिया। विधवा रजनी सिंघल का कहना है कि एक विधवा से नाजायज दबाव में 50 हजार लेकर अमित कश्यप कभी सुखी नहीं रह सकता है। संदीप ने कहा कि ये जिसकी दुकान में भी जायेगा उसी पर अवैध कब्जा करेगा। आरोप है कि अमित कश्यप ने लोगो से लाटरी और पार्टनरशिप के नाम पर लाखों रुपए हड़प रखें हैं और अब भाजपा और हिंदू संगठनों की आड़ लेकर अपने समाज और दूसरे समाज से अवैध वसूली कर रहा है। इनसे पीड़ित जो भी व्यक्ति इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत करता है, ये लोग भाजपा और सत्ता का दुरूपयोग कर उसके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा देते हैं। ऐसे में जिले के भाजपा के नेताओं को यह सोचना होगा कि वो जाने अनजाने में कहीं किसी अपराधी को संरक्षण देकर संगठन और सरकार की छवि तो धूमिल नहीं कर रहे हैं। वहीं जब अमित कश्यप से आरोपों को लेकर पूछा गया तो उन्होंने सभी आरोप बेबुनियाद बताते हुए कहा कि महिला या उसके परिवार को कभी नहीं धमकाया। सामाजिक समझौते में जो तय हुआ, उसी के अनुसार दुकान खाली कर दी गई है।