TRAINING--बांग्लादेशी अफसरों ने सुनी रोनी हरजीपुर की कहानी
44 सदस्यीय बांग्लादेशी सिविल सर्वेन्ट के दल को विकास भवन में अफसरों ने बताया कैसे दो दिन तक बने तनाव को हैंडल किया, पृथ्वीराज चैहाने के कमांडर धीर सिंह पुण्डीर मूर्ति प्रकरण के साथ गुण्डा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की एसपी सिटी ने दी जानकारी, सीडीओ ने बताया गांव से शहर तक विकास कार्यों का ककहरा, मुजफ्फरनगर के गुड और कोल्हु कारोबार से कराया अवगत
मुजफ्फरनगर। बांग्लादेश से भारत में गांव से शहर तक विकास और कानून व्यवस्था का ककहरा सीखने के लिए विशेष प्रशिक्षण पर आये बांग्लादेश एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस ;बीएएसद्ध के 44 अफसरों ने सोमवार को देहरादून से मुजफ्फरनगर पहंुचकर इस जनपद के विकास को समझने का प्रयास किया। उनको यहां का गांव दिखाया गया और बताया गया कि सरकार के द्वारा लखनऊ से जिन विकास परियोजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की जाती है, उनको इन छोटे गांवों तक कैसे पहुंचाने का काम किया जाता है। इस दौरान सबसे बड़ा पाठ उनको कानून व्यवस्था के लिए दिया गया। इसमें बांग्लादेशी अफसरों को रोनी हरजीपुर में घटित घटनाक्रम की पूरी कहानी सुनाई गई। प्रोजेक्टर के माध्यम से उनको तस्वीरें और अखबारों की कुछ कटिंग दिखाकर समझाया गया कि यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए कितनी चुनौतीपूर्ण रही है और इसको करीब 10 घंटे बाद किस तरह से हैंडल किया गया।
बता दें कि बांग्लादेश एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस ;बीएएसद्ध के 61वें बैच में चयनित अधिकारी पिछले दिनों भारत में ट्रेनिंग के लिए आए। उनके द्वारा उत्तराखंड के मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर भारत में प्रशासनिक और पुलिस अफसरों की कार्यप्रणाली तथा कानून एवं विकास योजनाओं को समझा गया। इसके लिए आए दिल्ली लौटते समय उनका एक दिन का टूर मुजफ्फरनगर में भी रखा गया। आज एसडीएम सदर परमानंद झा और तहसीलदार सदर अभिषेक शाही ने उनको रोहाना टोल प्लाजा से रिसीव किया। यहां आने पर जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने उनका स्वागत किया। देहरादून से सीधे वो विकास भवन पहुंचे, जहां उनके प्रशिक्षण के लिए बैठक का आयोजन किया गया।
इसमें जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने उनको एक डीएम और कलेक्टर के कार्यों और अधिकारों के बारे में जानकारी दी तो एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत के द्वारा भारतीय कानूनों के बारे में कुछ ऐसे अधिनियम की जानकारी देते हुए उनको कानून व्यवस्था के लिए बताया जो अपराधियों के खिलाफ मजबूत आधार और अधिकार देने वाले साबित होते हैं। मुख्य रूप से एसपी सिटी ने बांग्लादेशी अफसरों को आईपीसी में गुण्डा एक्ट, और गैंगस्टर एक्ट की शक्ति के बारे में जानकारी दी। इसमें उन्होंने गैंगस्टर एक्ट को एक रेयर पाॅवर बताते हुए कहा कि इसके सहारे डीएम और एसएसपी मिलकर अपराधी की सम्पत्ति को जब्त करने का अधिकार रखते हैं। एसपी सिटी सत्यनारायण ने इस अफसरों को चरथावल थाना क्षेत्र के गांव रोनी हरजीपुर में पृथ्वीराज चैहान की विशाल प्रतिमा सरकारी भूमि पर लगाने के लिए घटी घटना की जानकारी भी दी। इस कहानी के सहारे उनको कानून व्यवस्था के लिए बनने वाली चुनौतियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रोजेक्टर के माध्यम से बाॅग्लादेशी अफसरों को रोनी हरजीपुर में हुए बवाल और हंगामे की चंद तस्वीरें दिखाकर उस घटनाक्रम की चुनौती को समझाते हुए वो मूर्ति भी दिखाई गई, जिसकी स्थापना को लेकर यह तमाम मामला बना। बताया गया कि किस प्रकार सुबह से शाम तक करीब 10 घंटे तक चुनौती बनी और पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने कैसे इसको हैंडल किया।
इसके साथ सीडीओ संदीप भागिया ने मुजफ्फरनगर के आर्थिक विकास की जानकारी देते हुए इस जिले का परिचय शुगर बाउल के रूप में कराया गया। उन्हें बताया किया यह जिला शुगर बाउल आॅफ इंडिया के रूप में जाना जाता है। यहां पर आठ शुगर मिल और 1500 से ज्यादा कोल्हु हैं। इसके साथ ही करीब 2.9 लाख हैक्टेयर भूमि पर गन्ने की पैदावार किसान करते हैं, जिससे उनको 5 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष की आय होती है। यह भी बताया गया कि यह जिला देश के सर्वाधिक आय वाले शहरों में शामिल है। सीडीओ ने शहर से लेकर गांवों तक होने वाले विकास कार्यों के बारे में भी अफसरों को जानकारी दी। केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन इन योजनाओं को आम आदमी तक किस प्रकार पहुंचाता है। इसके बाद बांग्लादेश अफसरों की टीम नेशनल हाईवे पर स्थित गांव जड़ौदा का भ्रमण करने पहुंची और विकास को नजदीकी से देखा। जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल सिंह एवं खंड विकास अधिकारी नेहा शर्मा उनके साथ रहे।
आए थे 45, वापस लौटे 44 बांग्लादेशी अफसर
मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में ट्रेनिंग के लिए बांग्लादेश से 45 अफसर आये थे, लेकिन आज मुजफ्फरनगर होते हुए 44 अफसर ही वापस लौटे। सभी अफसर शोकाकुल नजर आये। क्योंकि इस दल में शामिल एक बीएएस अफसर की मसूरी में रविवार को मौत हो गई। इस मौत का दुख आज विकास भवन में बांग्लादेशी अफसरों के चेहरों पर साफ नजर आया।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के एनसीजीजी इन्चार्ज डाॅ. एपी सिंह ने बताया कि पिछले दिनों अकादमी में बांग्लादेश से ट्रेनिंग के लिए 45 अधिकारियों का दल आया। शनिवार को इन सभी अफसरों के लिए रविवार को मसूरी के लाल टिब्बा और धनोल्टी घूमने के लिए प्लान बना। इसमें से 36 वर्षीय एमडी अलामेन की धनोल्घ्टी से वापस आते हुए अचानक रास्ते में तबीयत बिगड़ गई। मसूरी के उप जिला चिकित्सालय ले गए, यहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 36 वर्षीय एमडी अलामेन बांग्लादेश में एसडीएम की पद पर तैनात थे। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर के लिए निकलने से पहले अलामेन का शव बांग्लोदश भेजने का बंदोबस्त कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को भिजवाया और 44 अफसर यहां आये। साथी अफसर के आकस्मिक निधन से सभी हैरान है। बीएएस के अफसर मौ. जियाउल हक ने बताया कि मौत के स्पष्ट कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पायेगा, लेकिन जब अस्पताल लेकर गये तो वो मृत थे। ऐसा लगता है कि उनका कार्डियक अरेस्ट से निधन हुआ है। डा. सिंह ने बताया कि शनिवार की रात से उनकी तबियत खराब थी। उनको उल्टी भी हुई। इसकी जानकारी उन्होंने किसी को नहीं दी। जब सवेरे टीम घूमने जाने लगी तो वो सबसे लास्ट की बस से चले और यह घटना घटित हो गयी। उन्होंने बताया कि बीएएस के 60 बैच में किसी भी अफसर के साथ ऐसा नहीं हुआ। यह पहली बार है कि 61वें बैच में एक अफसर की मौत हुई, इससे सभी दुखी हैं और जिस खुशी से वो आये थे, उससे कहीं ज्यादा दुखी मन से वापसी कर रहे हैं। शाम को सुरक्षा में इन अफसरों को मुजफ्फरनगर से दिल्ली रवाना कर दिया गया।